समाज को अधर्म का प्रतिकार करने के लिए तैयार करना होगा - प.पू. स्वामी गोविंद देवगिरी जी महाराज

वैन (अभय वर्तक - फोंडा, गोवा (सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेनगरी) - 19.05.2025) :: केवल जप करते रहने से काम नहीं चलेगा । भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा था, ‘मेरा स्मरण करो एवं युद्ध करो !’ स्वतंत्रता के पश्चात 70 वर्षों तक अपने देश पर काले अंग्रेजों का शासन था । अपना देश धर्मशाला बन गया है । अब समाज को अधर्म का प्रतिकार करने के लिए तैयार करने की आवश्यकता है । सनातन धर्म के आडे आने वाले कानूनों में बदलाव करके देश में उचित कानून होने चाहिए, इस पर प्रयास करने की आवश्यकता है । सनातन धर्म के प्रसार का कार्य यह साधना, ईश्वर की उपासना है । हमें अपने व्यक्तित्व की बाजी लगाकर और संगठित होकर परमात्मा की सेवा में स्वयं को समर्पित करना चाहिए । ऐसे में स्वर्णिम काल दूर नहीं, ऐसा मार्गदर्शन श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के कोषाध्यक्ष प.पू. स्वामी गोविंद देव गिरी महाराज जी ने किया। इस अवसर पर देश-विदेश के 20 हजार से अधिक हिन्दू उपस्थित थे।

सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के 83 वें जन्मोत्सव और संस्था के रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में गोवा अभियांत्रिकी महाविद्यालय के मैदान पर ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ आयोजित किया गया है । महोत्सव की ‘सनातन राष्ट्र संकल्प’ सभा में वे बोल रहे थे । मंच पर सनातन के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी, उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष श्री. सतीश महानाजी, ‘सनातन बोर्ड’ के प्रणेता पू. देवकीनंदन ठाकुरजी, अखिल भारतीय आखाडा परिषद के अध्यक्ष महंत पू. रवींद्र पुरी महाराजजी, आचार्य महामंडलेश्वर अनंत श्री विभूषित श्री श्री 1008 स्वामी बालकानंद गिरी महाराजजी, हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगले जी, सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय, अयोध्या स्थित सिद्धपीठ हनुमान गढी मंदिर के महंत राजूदासजी महाराज, इंडोनेशिया स्थित धर्मस्थापनम् फाउंडेशन के पू. धर्मयशजी महाराज, स्वामी आनंद स्वरूप और आर्ट ऑफ लिविंग के श्री. दर्शक हाथी उपस्थित थे । इस अवसर पर गणमान्य व्यक्तियों में सनातन संस्था की आध्यात्मिक उत्तराधिकारी श्रीसत्‌शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाल जी एवं श्रीचित्‌शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगिल जी की भी वंदनीय उपस्थिति थी।

प.पू. गोविंद देव गिरीजी महाराज जी ने आगे कहा , ‘‘सनातन संस्था का संपूर्ण कार्य आध्यात्मिकता की नींव पर खडा है । भारत राष्ट्र को एक समझकर काम कर रहे हैं । भगवद्गीता युद्ध की भूमि पर कहा गया ग्रंथ है । सनातन संस्था ने भी इस ग्रंथ के अनुसार आध्यात्मिकता से युद्ध तक जागृति की है । मैंने इस महोत्सव में युद्धकलाओं का प्रदर्शन देखा । मुझे लगता है कि देश के सभी संतों को अपने शिष्यों को यह सिखाना चाहिए।’’

सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए शक्ति की उपासना करें ! - सतीश महाना, विधानसभा अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश

सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए जागृति आवश्यक है । इस जागृति के लिए केवल वाणी नहीं; अपितु साहस और शौर्य भी आवश्यक है। इसके लिए प्रत्येक हिन्दू को शक्ति की उपासना करनी चाहिए। सनातन संस्कृति ने हमेशा सबका हित देखा है। तथापि कुछ पंथों में ‘अन्य धर्मियों को मारो’ ऐसी शिक्षा दी जाती है। इस विषय में हिन्दुओं में जागृति होनी आवश्यक है।

धर्म के लिए हिन्दुओं को कट्टर होना ही होगा! - महंत श्री राजूदासजी महाराज, अयोध्या

सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव में हिन्दुत्व की जागृति हो रही है। हिन्दुत्व बचा, तो राष्ट्र बचेगा और भारत टिका, तो विश्व बचेगा। अन्य पंथ मौज-मस्ती के लिए हैं । केवल सनातन धर्म में विश्व कल्याण की भावना है। इसलिए सनातन धर्म की रक्षा आवश्यक है। सभी संतों को धर्मरक्षा के लिए भक्तों को जागृत करना चाहिए। धर्म के लिए हिन्दुओं को कट्टर होना ही होगा।

धर्मसत्ता और राजसत्ता के सहयोग से ही सनातन राष्ट्र की स्थापना! - स्वामी बालकानंद गिरीजी महाराज

शंकराचार्यों की सेनावाले अखाडों पर आज तक कोई भी कब्जा नहीं कर सका है। आज हमारे हृदय में जागृति आनी चाहिए कि धर्मसत्ता और राजसत्ता के सहयोग से ही सनातन राष्ट्र की स्थापना हो सकती है।

सनातन संस्था के विचार प्रत्येक हिन्दू के मन में आएंगे, तब भारत हिन्दू राष्ट्र होगा ! - स्वामी आनंद स्वरूप

साधु-संतों के अखाडों की शौर्यगाथा और छत्रपति शिवाजी महाराज की शौर्य गाथा प्रत्येक को बतानी चाहिए। मैं सनातन के साधकों के चेहरे पर तेज देखता हूं और प्रत्येक सनातन के साधक में प.पू. डॉ. आठवलेजी को देखता हूं। सनातन संस्था के विचार प्रत्येक हिन्दू के मन में आएंगे, तब भारत हिन्दू राष्ट्र होगा।

अगली पीढी को रामायण और गीता की शिक्षाओं से वंचित न रखें ! - पू. धर्मयशजी महाराज

हिन्दू धर्म हीरा है। इसलिए इसकी सतर्कता से रक्षा कर धर्म को आगे बढाना है। अपने बच्चे सनातन धर्म को आगे ले जाएंगे। इसलिए बच्चों को गीता और रामायण तो सिखाना ही होगा।

कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखने के लिए - SanatanRashtraShankhnad.in पर जायें।

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