मृत्यु के उपरांत यम फ़ांस से मुक्ति के लिए किया जाता है यमुना स्नान

उत्तर प्रदेश (राज ठाकुर राजावत - मथुरा - 06.11.2021) :: कार्तिक मास की द्वितीय के दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु मथुरा में श्री यमुना स्नान करते हैं इसी क्रम में आज मथुरा में विश्राम घाट पर शाही स्नान किया जा रहा है।मथुरा के प्रमुख घाटों पर भैया दूज के दिन दूर-दूर से भाई-बहन स्नान करने के लिए आए हुए हैं आपको बता दें कि शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि इस दिन भाई बहन एक दूसरे का हाथ पकड़ कर श्री यमुना जी में गोता लगाते हैं तो उन्हें मृत्यु के उपरांत यम फ़ांस में नहीं जाना पड़ता है। एक बार यमराज अपनी प्यारी बहन श्री यमुना जी के घर आए तब श्री यमुना जी ने अपने भाई का आदर सत्कार किया जिससे धर्मराज प्रसन्न हो गए।जब धर्मराज अपनी बहन के घर से जाने लगे तो बहन के आदर सत्कार को देखते हुए उन्हें उपहार में कोई वचन देने का निर्णय लिया और कहा कि बहन में आपसे बहुत प्रसन्न हूं आप मुझसे आज उपहार में कुछ मांग लीजिए।अपने भाई की बातें सुनकर श्री यमुना जी ने भक्तों के कल्याण के लिए धर्मराज जी से वर मांगा कि आप जिस दिन मेरे घर आए हैं उस दिन को भैया दोज के रूप में मनाया जाए और आज के दिन जो भी बहन भाई मेरे जल में स्नान करेगा उसे आप यम फ़ांस में नहीं डालेंगे।क्योंकि बताया जाता है कि मृत्यु के उपरांत यम के दूत मृत आत्मा को यम फ़ांस में डाल कर ले जाते हैं यम फ़ांस में जीवात्मा पड़ने पर काफी कठिनाई एवं यातनाएं झेलनी पड़ती है।बहन द्वारा उपहार में मांगे उनके वचन को देते हुए यमराज जी ने कहा कि ऐसा ही होगा। तभी से हर वर्ष मथुरा में विश्राम घाट पर भैया दोज के दिन इस स्नान की परंपरा चली आ रही है। यमुना स्नान से पूर्व नगर निगम मथुरा वृंदावन द्वारा सभी घाटों की साफ-सफाई इत्यादि कराई गई है तथा पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

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