वैन (राज ठाकुर राजावत - मथुरा, उत्तर प्रदेश) :: कोरोना वायरस ने जहां एक तरफ पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले कहर बरपाया हुआ है, वहीं भारत की धर्मनगरी भी इससे अछूता नहीं है। धर्मनगरी मथुरा लगभग पूर्ण रूप से श्रद्धालुओं पर निर्भर है। लेकिन इस कहर से वह भी अछूती नहीं बची। ऐसे में गोवर्धन के प्रमुख मन्दिर "मुकुट मुखारविन्द" पर इन दिनों श्रद्धालुओं की संख्या में भारी कमी देखने को मिल रही है जो कि लगभग ना के बराबर है। इस भारी कमी के चलते मन्दिर ट्रस्ट से लाखों रुपए का ठेका लेकर ठेकेदार मायूस होकर खाली हाथ पर हाथ धरकर बैठे हुए हैं। मंदिर सेवा अधिकारी टीपू शर्मा ने बताया कि लाखों-करोड़ों के ठेके लेने के बाद जब श्रद्धालु ही नहीं होंगे तो मंदिर की आमदनी कैसे होगी? कैसे हम लोग इस कमी की भरपाई कर पाएंगे...??? ऐसे में देखना होगा कि मंदिर प्रशासन सेवायत ठेकेदारों को क्या कोई राहत दे पाता है? या इस संकट की घड़ी से सेवायत ठेकेदारों को उबार पाता है? फिलहाल मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी कमी के चलते गोवर्धन क्षेत्र के सेवायत और ठेकेदारों में भारी निराशा का माहौल है और यह माहौल शासन या प्रशासन पर नहीं बल्कि चीनी माल "कोरोना" पर निर्भर करता है। देखिये राज ठाकुर राजावत की रिपोर्ट: -
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