वैन (कुरुक्षेत्र - नेहा मेहता) :: मिस्त्र के शिल्पकार येहिया एलडॉक राज्य सरकार के विशेष निमंत्रण पर पहली बार अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में पहुंचे हैं। मॉरीशिस से उन्हें अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के बारे में जानकारी मिली। ब्रहमसरोवर की फिजा को देखकर येहिया गदगद हैं।
मिस्त्र देश की शिल्पकला को देखकर अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में शिल्प कला के दिवाने भी अचम्भित रह गए। इस शिल्पकार को महोत्सव के पर्यटकों के लिए विशेष तौर पर राज्य सरकार द्वारा अनुरोध करने पर बुलाया गया है। अहम पहलु यह है कि मिस्त्र के शिल्पकार येहिया एलडॉक हाथ से बने पेपर पर हाथ से बनी पेंटिंग को विशेष तौर पर कुरुक्षेत्र के पर्यटकों के लिए तैयार करके लाये हैं।
कुरुक्षेत्र के अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव ही नहीं हरियाणा की सरजमी पर पहली बार पहुंचे इजिप्ट (मिस्त्र) से शिल्पकार येहिया एलडॉक मिस्त्र की शिल्पकला के साथ पहुंचे है। यहां पहुंचने पर उपायुक्त डा. एसएस फुलिया, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, सीईओ केडीबी संयम गर्ग, निफा के अध्यक्ष प्रीतपाल पन्नू ने पुष्पगुच्छ भेंटकर इनका स्वागत किया। इस महोत्सव के दौरान ब्रहमसरोवर की फिजा और पर्यटकों की रौनक देखकर येहिया एलडॉक गदगद हो गए। उन्होंने बताया कि वह हरियाणा की सरजमी पर पहली बार पहुंचे हैं और अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में मिस्त्र की चुनिंदा शिल्प कला को लेकर आये हैं। इस महोत्सव के बारे में सबसे पहले मॉरीशिस देश से उन्हें जानकारी हासिल हुई और इंटरनेट तथा सोशल मीडिया के माध्यम से महोत्सव के यादगार लम्हों से रुबरु होने का अवसर मिला।
उन्होंने कहा कि वह पर्यटकों के लिए हाथ से एक-एक धागे से विशेष पेपर पर हस्त निर्मित पेंटिंग लेकर आए हैं। यह शिल्पकला मिस्त्र की श्रेष्ठ कलाओं में से एक है। इसके अलावा वह मिस्त्र की अनेकों चुनिंदा शिल्प कलाओं को लेकर यहां पहुंचे है। जिसमें खिलौने, दीवार पर लगाने वाली घड़ियां, ड्राईंग रुम में सजाने वाला समान भी शामिल है। उन्होंने राज्य सरकार के साथ-साथ जिला प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार के प्रयासों से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में पहुंचकर ब्रहमसरोवर को देखने का अवसर मिला है।
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