मंगल पांडे की बंदूक और पानीपत युद्ध की तोप पहली बार दिल्ली में प्रदर्शित, दुर्लभ सोमनाथ ज्योतिर्लिंग अवशेष और रामसेतु की दिव्य रामशिला के दर्शन !

वैन (दिल्ली ब्यूरो - 12.12.2025) :: भारत के इतिहास में ‘भक्ति’ और ‘शक्ति’ का संगम कराने वाला एक अद्वितीय उत्सव देश की राजधानी दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है। ‘सेव कल्चर, सेव भारत फाउंडेशन’ द्वारा प्रस्तुत तथा ‘सनातन संस्था’ द्वारा आयोजित ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ का आयोजन 13 से 15 दिसंबर तक भारत मंडपम, नई दिल्ली में किया जा रहा है।

इस महोत्सव में 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महानायक मंगल पांडे द्वारा उपयोग में लाई गई बंदूक तथा मध्यप्रदेश के राजघराने के मल्हारराव होलकर और क्रांतिसिंह नाना पाटिल द्वारा प्रयुक्त बंदूकें पहली बार दिल्ली वासियों के लिए प्रदर्शित की जाएँगी। साथ ही पानीपत के युद्ध में प्रयुक्त तोपें और लगभग 1500 दुर्लभ शस्त्रों का भव्य प्रदर्शन भी किया जाएगा। सनातन संस्था के प्रवक्ता श्री अभय वर्तक ने बताया कि यह महोत्सव पराक्रम के तेजस्वी इतिहास और अध्यात्म की चेतना का अनोखा संगम प्रस्तुत करेगा।

‘स्वराज्य का शौर्यनाद’: शिवकालीन शस्त्रों का भव्य प्रदर्शन !

इस प्रदर्शनी में छत्रपति शिवाजी महाराज के काल के 1500 से अधिक ऐतिहासिक शस्त्रों का विशाल संग्रह पहली बार प्रदर्शित किया जाएगा। इसमें शिवाजी महाराज द्वारा स्वयं स्पर्श की गई और सरसेनापति हंबीरराव मोहिते को प्रदान की गई तलवार, ढाल, दांडपट्टा, कट्यार, बंदूकें,और अन्य शस्त्र शामिल हैं। बालक और महिलाओं की सुरक्षा के लिए उपयोग में आने वाले कुछ शस्त्र भी प्रदर्शनी में होंगे। बच्चों को प्रेरित करने हेतु कुछ शस्त्र उन्हें संभालने हेतु दिए जाएंगे, जबकि तोप चलाने का लाइव प्रदर्शन भी होगा। यह प्रदर्शनी ‘हाल नंबर 12’ में प्रतिदिन सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक जनसाधारण के लिए खुली रहेगी।

एक सहस्र वर्ष बाद सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के अवशेषों का दर्शन!

महोत्सव में एक सहस्र वर्ष से अधिक काल से संरक्षित मूल सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के अवशेषों का प्रथम बार सार्वजनिक दर्शन कराया जाएगा। इन्हें गजनी के महमूद द्वारा विध्वंस के बाद पुजारी परिवार ने तमिलनाडु में सुरक्षित रखा था। ये अवशेष कांची कामकोटि पीठ के आशीर्वाद से सनातन संस्था द्वारा प्रदर्शित किए जा रहे हैं। इसके साथ ही प्रभु श्रीराम द्वारा निर्मित राम सेतु की ‘रामशिला’ (जल में तैरने वाले दिव्य पत्थर) का भी दर्शन कराया जाएगा।

‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ का उद्देश्य राष्ट्ररक्षा, संस्कृति, शौर्य और हिंदवी स्वराज्य के तेज को पुनः प्रज्वलित करना है। सनातन संस्था ने अपील की है कि सभी परिवार जन, विशेषकर युवा पीढ़ी और बच्चे, इस प्रेरणादायी महोत्सव में अवश्य सहभागी हों। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण SanatanRashtraShankhnad.in पर देखा जा सकता है।

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