भव्य कलश यात्रा से श्री मद भागवत कथा का शुभारंभ

वैन (भिवानी - हरियाणा ब्यूरो) :: श्री मद भागवत कथा को लेकर आज जोगी वाले मंदिर से भव्य कलश यात्रा निकाली गई। महंत वेद नाथ व अशोक गिरी जी के सानिध्य में इस यात्रा का समापन्न हुआ भव्य कलश यात्रा के बाद श्री मद भागवत कथा बाबा जहर गिरी आश्रम के सत्संग भवन में शरू हुई। इस अवसर पर महंत अशोक गिरी जी ने बताया धर्मशास्त्रों के अनुसार कलश को सुख-समृद्धि, वैभव और मंगल कामनाओं का प्रतीक माना गया है। पूजा-अर्चना करते समय सर्वप्रथम कलश की स्थापना की जाती है। भागवत कथा में सर्वप्रथम कलश यात्रा एवम पूजा-अर्चना की जाती है। यह कलश विश्व ब्रह्मांड, विराट ब्रह्मा एवं भू-पिंड यानी ग्लोब का प्रतीक माना गया है। इसमें सम्पूर्ण देवता समाए हुए हैं। पूजन के दौरान कलश को देवी-देवता की शक्ति, तीर्थस्थान आदि का प्रतीक मानकर स्थापित किया जाता है। कलश के मुख में विष्णुजी का निवास, कंठ में रुद्र तथा मूल में ब्रह्मा स्थित हैं और कलश के मध्य में दैवीय मातृशक्तियां निवास करती हैं।कलश में भरा पवित्र जल इस बात का संकेत हैं कि हमारा मन भी जल की तरह हमेशा ही शीतल, स्वच्छ एवं निर्मल बना रहें। हमारा मन श्रद्धा, तरलता, संवेदना एवं सरलता से भरे रहें। यह क्रोध, लोभ, मोह-माया, ईष्या और घृणा आदि कुत्सित भावनाओं से हमेशा दूर रहें। कलश पर लगाया जाने वाला स्वस्तिष्क का चिह्न चार युगों का प्रतीक है। यह हमारी 4 अवस्थाओं, जैसे बाल्य, युवा, प्रौढ़ और वृद्धावस्था का प्रतीक है। इस अवसर पर सुनील बोनदिया संजय शर्मा वेद प्रकाश सोनी पवन गोयल किरोड़ी जेन रमन गर्ग नरेश तंवर सरपंच पालवास प्रताप सरपंच रामकुमार तंवर मीतु पंडित नरेश सैनी सतीश हलवाई सीटू हलवाई देवकी पाण्ड्य सुरेश सैनी व अन्य उपस्थित थे।

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