महानगरों से कामगारों का पैदल अपने घरों को आना बदस्तूर जारी

उत्तर प्रदेश (गाजीपुर) अराफात खान :: एक ओर जहां सरकार भी बाहर में रह रहे लोगों को लाने का इंतजाम कर रही है वहीं महानगरों से लोगों के पैदल ही अपने गांव आने का सिलसिला अभी भी बना हुआ है। इसी क्रम में बुधवार की देर रात सिधानों बार्डर पर रोके गए करीब डेढ़ सौ लोगों को छोड़ दिया गया। सुबह तक वह सभी गाजीपुर पहुंचे तथा यहां से अपने गांव रवाना हुए। सभी लोगों को निर्देश दिया गया है कि वह अपने घर पहुंचने से पहले स्वास्थ्य केंद्र पर जा कर अपनी जांच कराएंगे तथा स्वस्थ पाए जाने पर घरों में 14 दिनों तक एकांतवास करेंगे। ग़ाज़ीपुर- आजमगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर शुक्रवार को आठ मजदूर मिले, जो फटे कपड़े पहने हुए सर पर बैग ,हाथों में बोतल के पानी लिए हुए पैदल ही घर जा रहे थे। बताया कि वह नैनीताल में मजदूरी का काम करते है। लाक डाऊन तीन के बाद वह खाने के मोहताज हो गए और आर्थिक संकट पनपने लगा। इसको देखते हुए वह वहां से पैदल ही मांगते, खाते हुए सात दिनों में यहां पहुंचे है। मजदूर कासिमाबाद, मरदह,करीमुद्दीनपुर के रहने वाले है। बताया कि घर जाने से पहले वह जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करेंगे। सिधौना सीमा से लगातार पैदल ही लोग आ रहे है। फरीदाबाद, गाजियाबाद, दिल्ली आदि से आ रहे लोगों को यहां रोका गया तथा बाद में स्क्रीनिंग करा कर छोड़ दिया गया।

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