ब्रह्मसरोवर के मध्य स्थित धर्म-नगरी कुरुक्षेत्र का प्राचीन मन्दिर करता है हर मुराद पूरी

वैन (नेहा मेहता - कुरुक्षेत्र) :: धर्म नगरी कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर के मध्य में स्थित सर्वेश्वर महादेव मंदिर जो कि एक प्राचीन मंदिरों में से है ऐसा माना जाता है की ब्रह्मा जी ने में इस धरा पर पौराणिक काल मे यज्ञ किया था तत्पश्चात इस यज्ञ कुंड को सरोवर में तब्दील कर दिया गया था इस कुंड के मध्य में सर्वेश्वर मंदिर की प्रासंगिक मान्यता है जिसका उल्लेख "वामन पुराण" में भी देखने को मिलता है। ब्रह्मसरोवर के मध्य में स्थित ये मंदिर सरोवर की शोभा बढ़ाता है जोकि अपने आप में एक आकर्षण का केंद्र है, वहीं ब्रह्मसरोवर की गरिमा अपने आप में एशिया में नंबर एक के रूप से विख्यात है। यह सरोवर एशिया में मौजूद सरोवरों में सबसे बड़ा सरोवर माना जाता है, जिसकी धार्मिक मान्यता भी सबसे अधिक है। ऐसा ऐसा माना जाता है कि भक्त यहां जो भी मांगते हैं, उनकी मुराद पूर्ण होती है। कुरुक्षेत्र की धरा पर लगभग 365 मंदिर है जिनकी अपनी-अपनी महत्वता है। वहीं मोक्षदा एकादशी, सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण, कुंभ आदि मे यहां पर भीड़ देखने को मिलती है।

Responses

Leave your comment