कांग्रेस द्वारा ‘भगवा आतंकवाद’ सिद्ध करने के लिए रचा गया एक षड्यंत्र, ‘मालेगांव विस्फोट’...!!!

वैन (दिल्ली ब्यूरो - 16.10.2025) :: ‘मालेगांव बम विस्फोट’ ‘भगवा आतंकवाद’ के अस्तित्व को सिद्ध करने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा रचा गया एक बड़ा षड्यंत्र था। देश की जांच एजेंसियां स्वतंत्र रूप से काम न करके, तत्कालीन सत्ताधारियों के इशारों पर नाच रही थीं । इसलिए, मालेगांव और उसके बाद हुए कई बम विस्फोटों की जांच करने के बजाय, तत्कालीन कांग्रेसी शासकों ने उसमें व्यर्थ ही हिंदुत्ववादियों को फंसाया, ऐसा स्पष्ट प्रतिपादन मालेगांव विस्फोट मामले से बरी हुए श्री समीर कुलकर्णी ने किया।

वे हिंदु जनजागृति समिति द्वारा कोल्हापुर के ‘देवल क्लब’ में आयोजित ‘मालेगांव विस्फोट में बरी हुए धर्मयोद्धाओं और उनके अधिवक्ताओं के सम्मान’ समारोह में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम में 800 से अधिक हिंदू उपस्थित थे। कार्यक्रम में धर्मवीर समीर कुलकर्णी और मेजर रमेश उपाध्याय का विशेष सम्मान किया गया। साथ ही, हिंदु विधीज्ञ परिषद के अध्यक्ष अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर, अधिवक्ता समीर पटवर्धन, अधिवक्ता प्रीति पाटील और हिंदुत्ववादी लेखक श्री विक्रम भावे का भी सम्मान किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में सम्मानित व्यक्तियों की वाहन से सभा स्थल तक शोभायात्रा निकाली गई।

बड़े लोगों के नाम नहीं लिए इसलिए हमारी गिरफ्तारी हुई! - मेजर रमेश उपाध्याय

मालेगांव विस्फोट के दिन मैं मुंबई में था, फिर भी मुझे गिरफ्तार कर पीटा गया। प.पू. सरसंघचालक डॉ. मोहनजी भागवत, श्री प्रवीण तोगाडिया, श्री श्री रविशंकर, योगी आदित्यनाथ के नाम लेने के लिए मुझ पर दबाव डाला गया; लेकिन मैंने अंत तक उनके नाम नहीं लिए। इसलिए हमें जानबूझकर फंसाया गया। हमारा सामाजिक और आर्थिक जीवन नष्ट कर दिया गया। केवल राजनीतिक लाभ के लिए हम पर अन्याय हुआ, ऐसा चौंकाने वाला खुलासा मालेगांव बम विस्फोट से बरी हुए तथा भारतीय सेना के मेजर रमेश उपाध्याय ने कोल्हापुर में कियाl

अन्याय हुआ फिर भी हिंदुत्व का कार्य नहीं छोड़ेंगे! - विक्रम भावे, लेखक

डॉ. नरेंद्र दाभोलकर हत्या मामले में कोई संबंध न होने पर भी मुझे और अधिवक्ता संजीव पुनालेकर को गिरफ्तार किया गया। हत्या के 15 मिनट के भीतर ही तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने घोषणा की थी कि यह हत्या 'गोडसेवादी' लोगों ने की है। इससे स्पष्ट होता है कि प्रगतिशीलों के आरोप कितने झूठे और नियोजित होते हैं। दमन का उपयोग करके आप हमें प्रताड़ित कर सकते हैं; लेकिन हम हिंदुत्व का कार्य नहीं छोड़ेंगे, ऐसा दृढ़ प्रतिपादन ‘मालेगांव विस्फोट के पीछे के अदृश्य हाथ’ और ‘दाभोलकर हत्या और मैं’ पुस्तकों के लेखक विक्रम भावे ने किया।

कांग्रेसी, साम्यवादी और जिहादियों द्वारा ही ‘भगवा आतंकवाद’ का दुष्प्रचार! - श्री सुनील घनवट

कांग्रेस जैसे धर्मनिरपेक्ष शासकों ने साम्यवादी और जिहादी शक्तियों के साथ मिलकर देश में ‘भगवा आतंकवाद’ होने का दुष्प्रचार किया। इसके लिए मालेगांव 2008, समझौता बम विस्फोट, मडगांव विस्फोट 2009, दाभोलकर-पानसरे हत्या जैसे कई मामलों में निर्दोष हिंदुत्ववादियों को फंसाया गया। इस षड्यंत्र के शिकार लोगों के साथ खड़ा होना प्रत्येक हिंदू का कर्तव्य है, ऐसा प्रतिपादन हिंदु जनजागृति समिति के महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ राज्यों के संघटक श्री सुनील घनवट ने कियाl

साम्यवादियों द्वारा की गई 14 हजार हत्याओं के बारे में कोई क्यों नहीं बोलता! - अधि. वीरेंद्र इचलकरंजीकर

इस अवसर पर हिंदु विधिज्ञ परिषद के अध्यक्ष अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर ने कहा, ‘‘दाभोलकर, पानसरे, कलबुर्गी और गौरी लंकेश की हत्या का बार बार रोना-धोना किया जाता है; लेकिन साम्यवादियों ने देश में 14 हजार से अधिक हत्याएं कीं, इसके बारे में कोई क्यों नहीं बोलता? आने वाले समय में व्यर्थ ही फंसाए गए और भी कुछ हिंदुत्ववादियों का सम्मान इसी स्थान पर और इसी मंच पर होगा। हमें समाज में हिंदुओं के खिलाफ चल रहे इकोसिस्टम के विरुद्ध लड़ना होगा।’

इस कार्यक्रम में सनातन संस्था की सद्गुरु स्वाति खाडये, हिंदु एकता के जिलाध्यक्ष श्री दीपक देसाई और शहर प्रमुख श्री गजानन तोडकर, महाराष्ट्र मंदिर महासंघ के श्री अशोक गुरव, शिवसेना के उप-जिला प्रमुख श्री उदय भोसले और श्री किशोर घाटगे, शिवेसना उद्धव बालासाहेब पक्ष के उप-जिला प्रमुख श्री संभाजीराव भोकरे और करवीर तालुका प्रमुख श्री राजू यादव, स्वातंत्र्यवीर सावरकर साहित्य और विज्ञान मंडल के अध्यक्ष श्री नितिन वाडीकर, उद्योजिका श्रीमती मनीषा वाडीकर, श्री शिवप्रतिष्ठान हिंदुस्थान के जिला कार्यवाह श्री सुरेश यादव सहित कई प्रतिष्ठित मान्यवर उपस्थित थे। कार्यक्रम का प्रास्ताविक हिंदु जनजागृति समिति के श्री सुनील घनवट ने किया, जबकि सूत्रसंचालन श्री विपुल भोपले और श्री अमोल कुलकर्णी ने किया।

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