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वैन (साजन सैनी - मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश) :: लोकसभा चुनाव 2019 के देश में अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं। कहीं मुकाबला कलाकारों का है, कहीं साधू-संत मैदान में हैं तो कहीं आम जनता नेताओं को अपना सबकुछ मान और समर्पण कर जीवन त्यागने पर लगे हैं। देशभर में सभी अपनी-अपनी जीत के लिए प्रचार में जुटी हैं। जहाँ बीजेपी पूर्ण बहुमत पाकर फिर से मोदी को प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठना चाहती है वहीं अभी तक गठबंधन ने प्रधानमंत्री पद के लिये कोई दावेदार तय नहीं किया है। बात करें उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर के कस्बा खतौली में ठेला लगाकर चाय बेचने वाले मोदी प्रेमी की तो इन्होंने मोदी की जीत के लिए पिछले 1 महीने 4 दिन से अन्न त्याग रखा है। इनका कहना है कि अगर मोदी की जीत ना हो पाई और वह फिर से देश के प्रधानमंत्री नहीं बने तो पिछले 30 वर्षों से चला रहा अपना ये चाय बेचने का कारोबार मैं छोड़ दूंगा। मुजफ्फरनगर के खतौली कस्बे में सुरेंद्र नाम का एक बुजुर्ग व्यक्ति पुल के नीचे पिछले 30 वर्षों से ठेले पर चाय बेच कर अपने परिवार का पेट भर रहा है। सुरेंद्र ने नरेंद्र मोदी की जीत ओर उनके एक बार फिर से प्रधानमंत्री बनने आस के लिए 2 अप्रैल 2019 को अन्न का त्याग कर दिया था। सुरेंद्र अन्न त्याग कर मोदी की जीत के लिए प्राथना कर रहा है और अगर मोदी एक बार फिर से प्रधानमंत्री नहीं बनते तो ये मोदी प्रेमी अपने इस 30 साल पुराने चाय बेचने के व्यवसाय को त्याग देगा और अपने घर जाकर बैठ जाएगा। मोदी के प्रति इसके इस अनोखे प्रेम की चर्चा जनता में अब आम हो चुकी है। लोगों के बीच ये चाय वाला चर्चा का विषय बना हुआ है। सुरेंद्र चाय वाले ने अपने मन की बात करते हुए बताया कि चाय का काम करता हूं अन्न त्याग इसलिए किया है की मोदी की जीत के लिए क्योंकी मोदी चाय का काम करता था हम भी चाय का काम करते हैं मोदी ने सबका साथ सबका विकास किया ।मोदी ने जो भी किया सबके लिए अच्छा किया किसी को दुरुपयोग नहीं किया हिंदू हो या मुसलमान सबके लिए उन्होंने सहयोग दिया है हम भी उनके लिए सहयोग दिया है हमने 2 अप्रैल से अन त्याग कर रखा है हम यह चाय का काम बंद कर देंगे हमें चाय का काम करते करते 30 साल हो गए हैं।
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