बेरहम तांत्रिक...!!! इलाज के लिए लाये गए नाबालिग की आँख और कान पर तेज़ाब लगा दिखाने लगा सयानापन

वैन (ब्रज किशोर शर्मा - आगरा, उत्तर प्रदेश) :: उत्तर प्रदेश के हाथरस स्थित महरारा गांव में करीब 80 प्रतिशत साक्षर हैं; लेकिन ब्राह्मण बहुल इस गांव में अंधविश्वास में जो किया गया है उसे सुनकर आपकी रूह कांप जाएगी। तेज़ बुखार और दवाइयों की गर्मी से 15 साल का एक बालक बड़बड़ाने लग गया। हवा उड़ा दी गई है कि उस पर कोई "ऊपरी चक्कर" है। हाथ-पैर बांधकर उसकी पिटाई शुरू कर दी गई। तांत्रिक भी बुला लिया गया। तांत्रिक ने उसकी पलकों और कानों पर तेजाब लगा दिया, ताकि आंसू बहने लगें और वह कह सके कि भूत है, जिसका इलाज कर रहा है। थोड़ा-सा केमिकल भी पिला दिया गया। यह हैं कि बच्चा गंभीर है और आगरा के जीजी हॉस्पीटल के आईसीयू में जिन्दगी और मौत से जंग लड़ रहा है।

मामले में पीड़ित बालक के परिजन इस बात को कहते हैं कि उनके बेटे जितेंद्र की दिमागी हालत कुछ ठीक नहीं थी; इसकी वजह से वो बीमार रहता था और कई बार अजीब-अजीब बातें करता था। उनको लगा कि इस पर कोई ऊपरी चक्कर है। जिसके बाद उन्होंने सयाने यानी तांत्रिक को बुलाया और उसके बाद तांत्रिक का खेल शुरू हुआ। तांत्रिक ने हवन-पूजन तो शुरू किया साथ ही उसके साथ मारपीट भी की और केमिकल से उसे चीखने-चिल्लाने पर मजबूर करने की कोशिश की, लेकिन जितेंद्र ठीक नहीं हुआ। उसकी हालत और बिगड़ती गयी। अंजाम यह हुआ कि उसे आगरा के जीजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहां जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। फिलहाल तांत्रिक पर कार्रवाई के नाम पर युवक के परिजन कहते हैं कि वह स्वयं उस तांत्रिक को लेकर अपने घर आए थे लिहाजा वो किसी पर कैसे इल्जाम लगा सकते हैं। उनका कहना है कि हमारी किस्मत थी कि हमारे साथ ऐसा हुआ। हमारा बेटा बस एक बार ठीक हो जाए, उसके बाद हम किसी तांत्रिक के चक्कर में नहीं पड़ेंगे।

बहराल कहीं ना कहीं यह घटना इस बात को दर्शाती है कि आज भी लोग विज्ञान के इस जमाने में अंधविश्वास को सबसे ऊपर रखते हुए अपने ही खून से भी खेलने में नहीं चूकते। ऐसे में जरूरत है ऐसे तांत्रिकों पर कार्रवाई की जो महज चंद पैसों के लिए किसी की भी जान से खिलवाड़ करने से नही चूकते।

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