"सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव" की प्रदर्शनी से जागी राष्ट्रभक्ति की भावना

वैन (दिल्ली ब्यूरो - 16.12.2025) :: देश की राजधानी स्थित भारत मंडपम में आयोजित भव्य ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ के अंतर्गत ‘स्वराज्य का शौर्यनाद’ नामक प्रदर्शनी में राष्ट्रभक्ति, ईश्वरी कृपा और शौर्य का अद्भुत संगम देखने को मिला। भारत मंडपम के हाल नं. 12 में 13 से 15 दिसंबर तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में शिवकालीन शस्त्रों का प्रदर्शन, वंदे मातरम प्रदर्शन, आध्यात्मिक वस्तुएँ तथा ग्रंथ प्रदर्शनी का आकर्षक दर्शन कराया गया।

इस प्रदर्शनी में विद्यार्थियों, अभिभावकों, हिंदुत्वनिष्ठ जनों और विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य व्यक्तियों को न केवल शिवकालीन शस्त्रों को देखने का अवसर मिला, बल्कि उन्हें इतिहास के वीर पुरुषों द्वारा उपयोग किए गए शस्त्रों को प्रत्यक्ष स्पर्श करने का भी अनुभव प्राप्त हुआ। इस दैवी अनुभव ने उपस्थित जनों के मन में स्वराज्यकालीन पराक्रम और शौर्य की अनुभूति को जीवंत किया। इस अवसर पर दिल्ली के सांस्कृतिक मंत्री श्री कपिल मिश्रा ने दिल्ली में स्थायी ‘शिवकालीन शस्त्र संग्रहालय’ स्थापित किए जाने का आश्वासन दिया।

इस प्रदर्शनी का अवलोकन भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्री उदय ललित, केंद्रीय संस्कृति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री श्रीपाद नाईक, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ, राज्यसभा सदस्य तथा भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री सुधांशु त्रिवेदी, दिल्ली के सांस्कृतिक मंत्री श्री कपिल मिश्रा सहित अनेक संत-महंत, वरिष्ठ अधिकारी, पत्रकार, संपादक, पुलिस अधिकारी, उद्योगपति, अधिवक्ता, सैन्य अधिकारी एवं हिंदू संगठनों के प्रमुखों ने बड़े उत्साह के साथ किया।

दिल्ली की अनेक स्कूलों के विद्यार्थियों ने इस प्रदर्शनी का दौरा किया। उन्होंने शस्त्रों की बनावट, विज्ञान और उनके उपयोग की जानकारी लेकर भारत के गौरवशाली इतिहास से प्रेरणा प्राप्त की। इस अवसर पर हिंदु जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु चारुदत्त पिंगळे, सद्गुरु नीलेश सिंगबाल और सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री चेतन राजहंस ने विद्यार्थियों व अभिभावकों को संबोधित करते हुए राष्ट्रकार्य में सक्रिय योगदान का आवाहन किया।

अध्यापिका श्रीमती सारिका शर्मा ने कहा, “विद्यार्थियों ने जब स्वयं इतिहासिक शस्त्रों को हाथ में लिया, तब उनमें राष्ट्रगौरव और आत्मसम्मान की भावना जागी।” विद्यार्थिनी पूजा कौशिक ने कहा, “छत्रपति शिवाजी महाराज और रानी लक्ष्मीबाई के कार्यों से मुझे राष्ट्र सेवा की प्रेरणा मिली।” इयत्ता 7वीं की छात्रा आराध्या ने कहा, “मैं बड़ी होकर झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की तरह राष्ट्र के लिए कार्य करूंगी।”

इस प्रदर्शनी ने समाज में स्वाभिमान, शौर्य और सनातन संस्कृति के प्रति गर्व की भावना को सुदृढ़ किया है। ‘शौर्य जागरण से राष्ट्र जागरण तक’ के उद्देश्य से आयोजित यह प्रदर्शनी दिल्ली के सांस्कृतिक इतिहास में एक प्रेरणादायी उपक्रम सिद्ध हुई।

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