फ़िल्मी अंदाज में एसएसपी कार्यालय के बाहर लड़के की हुई धुनाई फिर अपहरण का प्रयास; सोती रही पुलिस, मीडियाकर्मियों के बचाव से रुका खुलेआम अपहरण

वैन (ब्रज किशोर शर्मा - आगरा, उत्तर प्रदेश) :: उत्तर प्रदेश के आगरा में दिन-प्रतिदिन दिल दहला देने वाले मामले सामने आ रहे हैं। कभी दिन-दहाड़े नाबालिगों से दुष्कर्म का प्रयास तो कभी खुलेआम सड़क पर गुंडागर्दी। ऐसा ही एक मामला आज भी सामने आया जिसमें पहले तो लड़की पक्ष वालों ने एक लड़के के गले में फंदा डाल सड़क पर घसीट-घसीट कर इधर-उधर घुमाया फिर तबियत से धुनाई कर दी। उस भीड़ में किसी ने भी आव देखा ना ताव जिसका जब मन किया उसने लड़के को तब मारा। कसूर लड़के का सिर्फ इतना था कि वह उस लड़के का भाई था जो इनकी लड़की को भगा कर ले गया था और यह सब फ़िल्मी ड्रामा हुआ आगरा के एसएसपी कार्यालय के बाहर।

जी हाँ, आज आगरा के एसएसपी कार्यालय के बाहर खुद को लड़की के परिजन बता पहले तो भीड़ ने एक लड़के की धुनाई कर दी और बाद में उसको गोदी में उठा अपनी बाइक पर बैठा वहां से कहीं ले जाने की कोशिश की, लेकिन मीडियाकर्मियों के वहां बीचबचाव करने से लड़के का खुलेआम अपहरण बचा लिया गया और उसको थाने में पेश कराया गया।

यह पूरा प्रकरण जो कि एक बेहद सुरक्षापूर्ण परिसर के आसपास हुआ बावजूद उसके इस पर पुलिसकर्मियों की ऑंखें तक नहीं खुली और ना ही किसी पुलिसवाले ने इस पर बीचबचाव किया। वो तो भला हो वहां पहले से मौजूद मीडियाकर्मियों का जिनके रहते इस लड़के की आज जान बच गई अन्यथा बाद में पुलिस ब्रीफिंग में कहा जाता कि मौत की घटना के जिम्मेदार लोगों के प्रति पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और कार्रवाई जारी है।

सवाल सिर्फ और सिर्फ इतना उठता है कि आखिर क्यों इतनी लापरवाह हो गई है भारतीय पुलिस? क्यों पुलिस को सडकों पर हो रहा नंगा नाच नहीं दिखाई देता? हमेशा पुलिस सो कर क्यों जागती है? कहते हैं ना "अब पछताए क्या होत, जब चिड़िया चुग गई खेत"? लापरवाह और बेचारी पुलिस।

Responses

Leave your comment