वैश्विक अजूबे ताज से रूठ गये पर्यटक; धरने-प्रदर्शनों ने किया बड़ा गर्क

वैन (ब्रज किशोर शर्मा - आगरा, उत्तर प्रदेश) :: आगरा में मोहोब्बत की निशानी ताजमहल पर पर्यटकों की संख्या में साल 2019 का जाता हुआ दिसंबर का महीना भी इज़ाफ़ा नहीं कर पाया। बात अगर केवल दिसंबर के महीने की ही की जाए तो पर्यटकों से गुलजार रहने वाले इस महीने में करीब दो लाख देशी-विदेशी सैलानियों की कमी दर्ज की गई है। अगर एएसआई के आंकड़ो की मानें तो गत वर्ष 2018 की तुलना में करीब 32% पर्यटकों की कमी ताजमहल पर ही दर्ज की गई है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक यूं तो पूरे वर्षभर ही पर्यटकों की संख्या में कमी आई, लेकिन दिसंबर का महीना भी ताजमहल पर पर्यटकों की कमी को दूर नहीं कर पाया। वर्ष 2018 के दिसंबर महीने में 6,77,449 पर्यटकों ने ताजमहल का दीदार किया था। लेकिन दिसंबर 2019 में यह संख्या महज 4,47,160 तक सिमट गई। एएसआई और शहर के पर्यटन उद्यमियों का मानना है कि देश में जगह-जगह हुए प्रदर्शन और इंटरनेट बंद होने की वजह से शहर के पर्यटन पर यह प्रभाव पड़ा है। एएसआई के पुरातत्व अधीक्षक ने उम्मीद जताई है कि आगामी दिनों में पर्यटकों की कमी की पूरी तरह भरपाई हो जाएगी। ताज भ्रमण पर आने वाले सैलानियों की कमी से आगरा के होटल संचालक भी बेहद परेशान हैं और मंदी की मार झेल रहे हैं। होटल संस्थाओं से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि देश में जगह-जगह हुए प्रदर्शन और आगरा में इंटरनेट बंद होने की वजह से काफी संख्या में पर्यटकों ने अपनी बुकिंग कैंसिल करवा दी जिससे पर्यटन व्यवसाय पर खासा असर पड़ा है। उनका कहना है कि पिछले 10 वर्षों में सबसे कम पर्यटक दिसंबर 2019 में आगरा आए हैं। पर्यटकों की कमी के चलते उन्हें काफी नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। ट्यूरिस्ट इंडस्ट्रीज से जुड़े जानकारों के अनुसार इस वर्ष आगरा के पर्यटन व्यवसाय में करीब 25 से 30% प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।

देखना लाज़मी होगा कि आने वाले दिन या कहें नया वर्ष इसकी भरपाई कर पाता है या नहीं?

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