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व्यूज़ 24 (जोगेन्द्र सिंह - फरीदाबाद, हरियाणा) :: शहर के एक नामी अस्पताल में काम करने वाली नर्स की ड्यूटी के दौरान रहस्यमई हालात में मौत हो गयी है। रात को यह नर्स करीब 8 बजे ड्यूटी पर आई थी और करीब 12 बजे परिजनों को सूचना मिली कि उसकी मौत हो गई है। परिजन जहां इस मामले में अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे हैं, वहीं पुलिस मामले की जांच करने और अस्पताल प्रशासन पूरे मामले में बचने का प्रयास कर रहा है। फरीदाबाद पार्क में बीती रात एक नर्स का शव रहस्यमई हालात में मौत के बाद पाया गया। दरअसल मूल रूप से होडल के पास करमन गांव की रहने वाली संतोष उर्फ रजनी पिछले डेढ़ साल से एक अस्पताल में बतौर नर्स काम कर रही थी और कल रात को 8 बजे अस्पताल में ड्यूटी पर आई थी। परिजनों की मानें तो रात को करीब 11:30 बजे अस्पताल से उनके पास फोन आया कि रजनी की तबीयत बहुत ज्यादा खराब है। परिजनों का कहना है कि वहां पर पहुंचे तो रजनी की मौत हो चुकी थी। परिजनों का रो-रो कर के बुरा हाल था। बता दें कि पिछले लगभग डेढ़ साल से मृतक नर्स इस अस्पताल में नौकरी कर रही थी। मृतिका के भाई की मानें तो उसका कहना है कि उसी के साथ काम करने वाले दो युवक उसे परेशान करते थे। उन्होंने भी उसे जान से मारने की धमकी दी थी, पर आज अस्पताल प्रबंधन की मिलीभगत से उनकी बहन की हत्या कर दी गई है। मृतिका रजनी के मामा ने भी कहा कि स्टाफ अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही और उनकी मिलीभगत से उनकी बेटी की जान गई है, जिसकी शिकायत उन्होंने पुलिस को दे दी है और पुलिस मामले की जांच करेगी। वहीं दूसरी और मामले की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे सेक्टर 11 पुलिस चौकी इंचार्ज विनोद कुमार की मानें तो उन्हें सूचना मिली थी कि अस्पताल की नर्स की मौत हो गई है। पुलिस के अनुसार परिजनों ने इस मामले में कुछ लोगों पर लगातार पिछले लंबे समय से उसे परेशान करने के आरोप लगाये हैं। पुलिस की मानें तो मामले की जांच की जा रही है और जांच के बाद ही पता चल पाएगा की नर्स की मौत के पीछे की असली सच्चाई क्या है? उधर, अस्पताल के एडिशनल डायरेक्टर डॉ अरविंद बघेल ने बताया कि रजनी को गैस की प्रॉब्लम हुई थी और खुद रजनी ने एक इंजेक्शन भरकर अपने ही साथी कर्मचारी को दिया था उसे लगाने के लिए। इंजेक्शन लगाने के बाद उसकी मौत हो गई। अस्पताल प्रशासन बार-बार इंजेक्शन के बारे में पूछे जाने पर चुप्पी साधे रहा और पूरे प्रकरण में बचता हुआ दिखाई दिया। बार-बार इंजेक्शन के बारे में पूछे जाने के बाद भी डॉ अरविंद बघेल यह नहींं बता पाए कि रजनी को मौत के आगोश में ले जाने वाले उस इंजेक्शन का क्या नाम था। अस्पताल प्रशासन के यह सारे बयान कहीं ना कहीं रजनी की मौत के मामले को संदिग्ध बना रहे हैं।
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