शहादत पर हावी अखिलेश की राजनीति

वैन (अलीमुद्दीन - कन्नौज, उत्तर प्रदेश) :: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआईएसएफ की टुकड़ी पर हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया। इस फिदाइन हमले से उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के लोगों में भी जबरदस्त आक्रोश है। फिदाइन हमले में शहीद हुए कन्नौज जनपद के हसेरन ब्लॉक ग्राम वनगँवा गाँव अजान के रहने बाले सीआरपीएफ जवान शहीद प्रदीप कुमार यादव भी शामिल हैं। शहीद अपने पीछे पत्नी नीरज देवी बेटी सुप्रिया 11 वर्ष बेटी सोनम 3 वर्ष छोड़ गए। शहीद के घर पहुंचे पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने परिवार के साथ बैठकर दुःख प्रकट करते हुए सरकार पर भी निशाना साधते हुए इसे सरकार की बड़ी भूल बताया।
अखिलेश बोले बहुत दुखद है ऐसी घटना जिसकी जितनी भी निंदा की जाये वो कम है। अचानक इतनी गम्भीर घटना हुई। बड़े पैमाने पर लोगो की जान चली गई। ऐसे धरती माँ के सपूत जिन्हें सीमा की सुरक्षा और हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी थी अगर उन्हें थोड़ा भी मौका मिल जाता तो शायद यह घटना नही होती। वो आतंकवादियों से मुकाबला कर लेते। कहीं ना कहीं यह बड़ी चूक है, जहाँ सड़क पर इतना बड़ा कारवां हो, जहाँ मूमेंट जवानों का चल रहा हो वहां सुरक्षा के इंतजाम होने चाहिए थे। जिनके कंधे पर देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी है दुर्भाग्य से उन्ही लोगो की जान चली गई। बरसो से इतनी बड़ी घटना हमने नहीं देखी जहाँ इतने जवानों की जान चली गई हो। सीआपीएफ के जो हमने जवान खोये हैं, माँ ने अपना बेटा खोया है, यहां किसान ने एक अपना बेटा खोया है, दो बेटियां है एक छोटी बेटी है। बड़ी बेटी तो समझ रही है, छोटी बेटी नही समझ पा रही है। क्या हुआ होगा? पूरा परिवार दुखी है। इस दुख में हम सभी शामिल हैं। पूरे देश की जनता शामिल है। ऐसी घटना देश के सामने ना हों, हमारे वीर जवानों की जान ना जाये, यह घटना बहुत ही दुर्भाग्य पूर्ण है।
जो सहयोग मदद हो सकती है हम लोग करेंगे, इस परिवार के इस दुख में हम सभी साथ हैं। देश के जितने भी जवान गए हैं, देश की जनता सबके साथ है। अभी वह इतने दुःख में हैं कि मांग भी नही कर पा रहे हैं। उनके भविष्य का क्या होगा? वो अपने बंच्चो का भविष्य बनाना चाह रहे होंगे, इसीलिए बंच्चो की पढाई कानपुर में करा रहे थे। उनके सामने यह जरूर है कि जिम्मेदारी कौन निभायेगा? एक बेटी अच्छे स्कूल में पढ़ रही है उसकी पढाई में रुकावट ना हो यह हम सबकी जिम्मेदारी है।
हालांकि इन बातों का यह समय नही है। चुनाव करीब भी हैं। जो घटना हुई है दुर्भाग्यपूर्ण है। इस घटना के जो जिम्मेदार हैं वो सरकार को बताना चाहिए कि सरकार ने 5 साल का कार्यकाल पूरा किया है, क्या चूक हुई? आखिरकार वह क्या वजह थी जिससे यह फैसला लिया गया कि सड़क पर चलने वाले वाहन की जांच नहीं हुई? आखिरकार वह किस मजबूरी में फैसला लिया गया? जाँच पहले की तरह होती, सड़कों पर कौन सी गाड़ी गुजर रही है? किस गाड़ी में क्या जा रहा है? फिर शायद इतनी बड़ी घटना नहीं होती। आखिरकार जिम्मेदारी किसकी है? क्या इंटेलिजेंस की गलती है? क्या हमने अपनी इंटेलिजेंस को इतना मजबूत बनाया है? हम अगर इंटेलिजेंस को मजबूत नही बनाएंगे तो हमें कैसे सूचना मिलेगी? जानकारी तो यह मिल रही है कि इंटेलिजेंस ने बताया है सूचना दी है कोई घटना हो सकती है। बावजूद उसके दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसी सूचना रोज आती थी यह कहा जा रहा है। अगर सूचना आती थी तो कार्यवाही क्या हुई?यह जिम्मेदारी किस सरकार की है?
56 इंच के सीने की बात है तो अभी उन बातों का कोई मतलब नही है। पहले तो अपनी ताकत मजबूत हो, अपना देश सुरक्षित हो।
सरकार को बताना चाहिए चूक कहां हुई है? क्या जवान ऐसे ही जान खोते रहेंगे? क्या जवानों की जान ऐसे ही चली जायेगी? किसान तो मेहनत कर रहा है, खेत पर और उसी का बेटा जाकर सीमा पर सुरक्षा कर रहा है। किसान दुखी हो जाये। जवान को भरोसा सुरक्षा का नही होगा तो हम कैसा भारत बनाना चाहते हैं? हमारा भारत ताकतवर भारत बने। मजबूत भारत बने। तभी बन सकता है जब सुरक्षा करने वाला जवान सम्मान के साथ-साथ उसको ताकत मिले और किसान के सही खेती करने का इंतजाम हो।
मुझसे भी सवाल कर सकते हो, सर्जिकल स्ट्राइक को मनाया जा रहा था सर्जिकल स्ट्राइक का आप लाभ लेना चाहिते है। आपको बताना पड़ेगा इतने बड़े पैमाने पर जवानों की जान कैसे चली गई? सर्जिकल स्ट्राइक में आप ख़ुशी मानते हैं, आप गर्व महसूस करते हैं। तो आप बताएं इतने जवानों की जान कैसे चली गई? वो चूक क्या हुई कि जिसके कारण वह गाड़ी फिस्फोटक लेकर टकरा गई? कैसे वह गाड़ी काफिले के बीच में घुस गई? यह कैसा डिजिटल इंडिया है? जो आतंकवादी था उसने अपना वीडियो बनाया, वीडियो बनाकर वीडियो डाल दिया। आखिरकार हमारी इंटेलिजेंस क्या कर रही थी? वीडियो अपलोड हुआ है तो शायद सरकार को यह पता होगा। वीडियो किस समय पर अपलोड हुआ है? यह समय राजनीती करने का नही है। यह जवाब सरकार दे सकती है कोई और नहीं।

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