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व्यूज़ 24 (जोगेन्द्र सिंह - फरीदाबाद, हरियाणा) :: माता-पिता व परिवार के बीच के झगड़े के केसों को सुलझाने के लिए बल्लभगढ़ के एसडीएम ने पहली बार सीनियर सिटीजन से संबंधित मामलों को लेकर एक खुले दरबार का आयोजन किया। इस दरबार में बूढ़े माता-पिता व उनके बच्चों को समझाने के लिए संस्थाओं से सामाजिक कार्यकर्ता बुलाए गए। समाज में बुजुर्ग माता-पिता की सेवा करने के लिए बच्चों को समझाने का प्रयास किया गया तो वहीं बुजुर्ग लोगों को भी परिवार में मिलने की नसीहत दी गई है। एसडीएम ने कहा कि बुजुर्गों का सम्मान जहां होगा वहां तरक्की निश्चित ही होगी। बल्लभगढ़ एसडीएम निवास पर आयोजित इस खुले दरबार में करीब दो दर्जन ऐसे परिवारों को बुलाया गया है जो आपसी लड़ाई के कारण एक दूसरे से दूर होते जा रहे थे इस दरबार में सीनियर सिटीजन से संबंधित एसडीएम अदालत में चल रहे केसों की सुनवाई के बीच में ही दोनों परिवारों को समझाने का प्रयास किया गया है बल्लभगढ़ के एसडीएम राजेश कुमार ने बताया कि यह एक अनूठा पहला प्रयास है जिसमें बुजुर्ग माता-पिता व उनके बच्चों के बीच चल रहे झगड़ों को निपटाने का समझाने का प्रयास किया जा रहा है उन्होंने बताया कि अदालती फैसले कई बार गलत साबित हो जाते हैं उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि उन्होंने एक पुलिस के जवान पर अपने माता पिता को ₹5000 हर महीने खर्चा देने का आदेश सुनाया था जिसे आदेश को सुनने के बाद उस पुलिस के जवान ने जहर खाकर जान देने की कोशिश करी थी। इसी बात से सबक लेते हुए बल्लभगढ़ के एसडीएम राजेश कुमार ने दोनों पक्षों को बैठकर समझाने का प्रयास किया है। उन्होंने बताया कि उनका यह खुला दरबार एक अच्छा प्रयास साबित होगा। इससे परिवार में बढ़ने वाली दरारें कम होंगी और बुजुर्गों को सम्मान मिलेगा।
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