अब आईआरसीटीसी के हवाले होगा रेलवे का विंडो टिकट काउंटर

वैन (रामा शंंकर प्रसाद) :: भारतीय रेलवे ने पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम यानी पीआरएस में आपसी टकराव को रोकने के लिए इसे पूरी तरह आईआरसीटीसी के हवाले करने का प्रस्ताव किया है। अभी तो पीआरएस का केवल ऑनलाइन डिवीजन ही आईआरसीटीसी के पास है, जबकि विंडो अथवा काउंटर बुकिंग सेंटर फॉर रेलवे इनफॉरमेशन सिस्टम कृष के पास है। हालांकि अब दोनों को आईआरसीटीसी को देने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इस संबंध में रेलवे बोर्ड की ओर से क्रिस के प्रबंध निदेशक (एमडी) तथा आइआरसीटीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) द्वारा परिपत्र जारी किया गया है। इसके साथ ही पीआरएस को पूरी तरह आईआरसीटीसी के हवाले करने के पीछे ऑनलाइन बुकिंग को बढ़ावा देना तथा विंडो टिकटों को सीमित करने और अंततः पूरी तरह समाप्त करने का मकसद है। इससे पीआरएस में लगने वाले हजारों कर्मचारियों की जरूरत समाप्त होगी और उन्हें अन्य अपेक्षाकृत ज्यादा जरूरी कामों में लगाया जा सकेगा। रेलवे के अधिकारी पीआरएस काउंटर की संख्या कम होने तथा प्राइवेट एजेंटों की नियुक्ति के साथ यह प्रक्रिया पहले ही शुरू कर चुके हैं। पीआरएस का पूरा काम किसी को मिलने पर अब उनके कर्मचारी और अधिकारी काउंटर को संभालेंगे।

आपको बता दें कि पीआरएस के तहत रोजाना 12 लाख से अधिक टिकटों की बुकिंग की जाती है। कृष्ण द्वारा तैयार पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम से फिलहाल अधिक टिकटों की बुकिंग होती है। इनमें 68 फ़ीसदी टिकट आईआरसीटीसी की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन बुक होते हैं, जबकि शेष 32 फ़ीसदी कोटे, विंडो या काउंटरों के लिए खरीदे जाते हैं। साल 2019 के दौरान रोजाना करीब ऑनलाइन बुकिंग के जरिए लगभग 14 लाख यात्रियों ने ट्रेन में यात्रा का टिकट कटाया, जिसके मुकाबले विंडो या काउंटर से केवल तीन लाख टिकट ही खरीदे; जो कि 6.5 लाख यात्रियों के लिए थे।

Responses

Leave your comment