आरा के जवान ने झारखंड में पांच को मारी गोली, तीन की मौत…

वैन (रामा शंंकर प्रसाद - आरा, बिहार) :: झारखंड स्थित रामगढ़ जिले के बरकाकाना रेलवे कॉलोनी में शनिवार की रात आरा के आरपीएफ जवान पवन सिंह द्वारा एक रेलकर्मी के घर में घुसकर पांच लोगों को गोली मार दिए जाने की घटना के बाद रविवार को स्थानीय लोगों का आक्रोश चरम पर रहा। इस कांड में परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। रविवार को झारखंड पुलिस पवन की खोज में आरा आई पर वह यहां नहीं मिला। घायल रेलकर्मी के पुत्र संजय राम व छोटी पुत्री प्रियंका कुमारी ने पुलिस को बताया कि आरपीएफ जवान पवन कुमार सिंह शराब के नशे में धुत होकर रात में करीब सवा आठ बजे उनके घर में दूध मांगने आया। पिता ने कहा कि दूध नहीं बचा है। इसी बात पर आरपीएफ जवान ने गाली-गलौच करते हुए गोलियां चलाने लगा। छोटी पुत्री प्रियंका ने बताया कि दोनों बहनें रसोई में थीं, गोली की आवाज सुनने पर दुबक गईं। उन्‍होंने देखा कि आरपीएफ का जवान पवन उसके परिवार के लोगों पर गोलियां चला रहा है। घटना के बाद पूरे रेलवे कॉलोनी में अफरातफरी मच गई। घटना की सूचना पाकर एसडपीपीओ प्रकाश चंद्र महतो रेलवे अस्पताल पहुंचे और घटना के बाबत लोगों से पूछताछ की। पांचों घायलों को रेलवे अस्पताल बरकाकाना लाया गया। यहां रेलकर्मी की पत्नी को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। चार घायलों को रांची रोड स्थित होप हॉस्पिटल लाया गया। यहां पहुंचते ही रेलकर्मी की मौत हो गई थी। बाद में गर्भवती विवाहिता पुत्री मीना देवी की मौत इलाज के लिए रांची ले जाने के क्रम में रास्ते में हो गई। घटना को अंजाम देने के बाद से जवान पवन फरार है। रविवार को उसकी तलाश में झारखंड पुलिस आरा पहुंची, उसके पैतृक गांव तरारी थाना क्षेत्र के करथ पहुंची पर वह फरार पाया गया। आरपीएफ इंस्पेक्टर एसएन राम ने बताया कि पवन गोली चलाते समय नशे की हालत में था। रेलकर्मी की दूसरी बेटी सुमन देवी तथा बेटा चिंटू की हालत भी चिंताजनक बनी हुई है। अशोक राम भुरकुंडा रेलवे स्टेशन पर पोर्टर के पद पर कार्यरत थे। वहीं उनकी पत्नी लीला देवी रामगढ़ उपायुक्त के कार्यालय में कार्यरत थी।

इधर, रामगढ़ में तिहरे हत्याकांड को लेकर रविवार को लोगों का गुस्सा सड़क से लेकर रेलवे ट्रैक तक दिखा। रामगढ़-भुरकुंडा-पतरातू फोरलेन को पूरी तरह जाम कर दिया। गुस्साए लोगों ने प्लेटफार्म पर रखे रेलवे गार्ड के बक्सों को उठाकर रेलवे ट्रैक पर रख दिया। आठ घंटे बरकाकाना-सीआइसी रेलखंड पूरी तरह जाम रहा। वहीं 12 घंटे के जाम के बाद सड़क मार्ग को भी चालू कराया गया।

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