पंजाब को भारत से तोडने हेतु खलिस्तान-वादियों को साथ लेकर छद्म युद्ध आरंभ! - पूर्व पुलिस महानिदेशक

वैन (दिल्ली ब्यूरो - 17.01.2022) :: पंजाब के एक न्यायालय में एक पूर्व पुलिसकर्मी के द्वारा बमविस्फोट कराया जाता है, सीमावर्ती क्षेत्र में आर.डी.एक्स. से भरी हुई बस मिलती है, पाकिस्तान से ड्रोन द्वारा पंजाब में शस्त्रास्त्र और मादक पदार्थ भेजे जा रहे हैं । इन सभी घटनाओं को देखते हुए पंजाब में कुछ देशविरोधी तत्त्व कार्यरत हैं। उन्होंने खलिस्तानवादियों को अपने साथ लेकर देश के विरुद्ध छद्म युद्ध (‘प्रॉक्सी वॉर’) आरंभ किया है; क्योंकि वे इस युद्ध में कभी सफल नहीं होंगे; क्योंकि पंजाब की जनता भारत के साथ है। पंजाब सरकार को अब जागकर राज्य और सीमावर्ती क्षेत्र को सुरक्षित रखना चाहिए, ऐसा प्रतिपादन महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिदेशक तथा ‘वीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक’ के अध्यक्ष श्री. प्रवीण दीक्षित ने किया। वे हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा ‘ऑनलाइन’ पद्धति से आयोजित ‘पंजाब को भारत से तोडने का षड्यंत्र !’ विषय पर आयोजित विशेष संवाद में बोल रहे थे।

इस अवसर पर ‘हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस’ के प्रवक्ता तथा सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि गुप्तचर विभागों ने यह जानकारी दी है कि खलिस्तानी आंदोलन ने अब चीन, पाकिस्तान और इस्लामी आतंकियों से हाथ मिलाया है। भारत के इतिहास में सिखों का बडा योगदान है; परंतु खलिस्तानवादियों ने किसान आंदोलन में सिख किसानों को उतारकर सरकार उन पर गोलीबारी करे; इस प्रकार का वातावरण कई बार उत्पन्न किया; परंतु सरकार ने उन पर बलप्रयोग नहीं किया। यदि वैसा हो जाता, तो उस माध्यम से देश को अस्थिर बनाने का उनका बडा षड्यंत्र था। प्रधानमंत्री का काफिला रोकने के पीछे भी योजनाबद्ध षड्यंत्र रचा गया था। इस संवाद में अमेरिका स्थित मां राज्यलक्ष्मी ने कहा कि ‘भारत को धर्मांतरित कीजिए और उसके उपरांत भारत को नियंत्रित कर भारत को तोड दीजिए’, इस उद्देश्य से भारत को स्वतंत्रता मिलने से लेकर ही षड्यंत्र चल रहे हैं। इसके लिए मिशनरी, पाकिस्तानी, चीन, अंतरराष्ट्रीय समूह आदि कार्यरत हैं। उनमें खलिस्तानी आंदोलन, इस्लामी आतंकवाद, ‘डिसमेंटलिंग ग्लोबल हिन्दुत्व’ परिषद, ‘सीएए’ विरोधी आंदोलन, किसान आंदोलन, हिन्दुओं के देवी-देवताओं का जानबूझकर अनादर करना आदि कृत्य जानबूझकर किए जा रहे हैं। यह एक वैश्‍विक षड्यंत्र है।

इस विशेष संवाद में सनातन संस्था के धर्मप्रचारक श्री. अभय वर्तक ने कहा कि कांग्रेस की ओर से वर्ष 1984 की स्थिति उत्पन्न करने का प्रयास किया जा रहा है। सिख पंथ जातिवादी अथवा देशद्रोही नहीं है। सिखों के गुरु गोविंदसिंहजी ने विविध जातियों को सम्मान देकर ‘पंचप्यारे’ की संकल्पना रखी; परंतु कांग्रेस ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के चलते जातिवाद को बढावा दिया। पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी के दलित सीख होने का प्रचार कर कांग्रेस ने साक्षात गुरु गोविंदसिंहजी का अपमान किया है। वर्ष 2014 तक सिखों और उनके गुरु का उत्पीडन करनेवाले औरंगजेब के नाम से देहली में एक महामार्ग था। कांग्रेस ने कभी वह नाम नहीं बदला। इसके चलते कांग्रेस ने एक प्रकार से सिखों का अपमान ही किया है।

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