सबसे कम उम्र की पियानो वादक राष्ट्रपति पुरस्कार के बाद बोली उन लम्हों को कभी...

वैन (सूरज दुहन - गुरुग्राम, हरियाणा) :: भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2020 के तहत इनोवेशन, स्कॉलैस्टिक, स्पोर्ट्स, आर्ट एंड कल्चर, सोशल सर्विस और बहादुरी का परिचय देने वाले बच्चों को राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में पुरस्कार वितरित किये गये। राष्ट्रपति कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में 5-18 वर्ष की आयु के 49 बच्चों को पुरस्कार प्रदान किए। बाल शक्ति पुरस्कार नवाचार, समाज सेवा, शैक्षिक, खेल, कला और संस्कृति के क्षेत्रों में बच्चों को दिया जाता है। इस दौरान एक पदक, 1 लाख रुपये का नकद पुरस्कार, एक प्रमाण पत्र और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।

पुरस्कार समाहरोह में सबसे कम उम्र की पियानो वादक गौरी मिश्रा के लिए विश्व रिकॉर्ड था। उन्हें राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा प्रधानमंत्री राष्ट्रिय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 13 वर्षीय गौरी मिश्रा कक्षा आठवीं की छात्रा है और इन्होने मुंबई में मात्र 4 साल की उम्र से ही म्यूजिक की ओर रुझान दिखाया और म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट प्यानो की दीवानी हो गयी। 9 वर्ष की उम्र में इन्होंने स्कूल स्तर पर पुरस्कार प्राप्त करना शुरू कर दिया। कुमारी गौरी मिश्रा ने म्यूजिक के साथ तैराकी /स्केटिंग और अन्य खेलो में भी रूचि दिखाई। आज म्यूजिक की दुनिया में महारत हासिल करते हुए देश का सम्मानित पुरस्कार राष्ट्रपति से प्राप्त किया। गौरी के कमरे में दीवार पर उनकी शौहर के प्रमाण पत्र और पुरस्कार कमरे के साथ उनके परिवार का नाम भी रोशन करते दिखाई देते हैं।

राष्ट्रपति से सम्मानित होने के पश्चात गौरी ने वैन इंटरनेशनल न्यूज़ एजेंसी से खास बातचीत के दौरान बताया कि चार वर्ष की उम्र के दौरान जब वह मुंबई में अपने दोस्तों के साथ खेलती थी तो उसी दौरान म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट बजाने का शोक पैदा हुआ। और उन्होंने इसी में महारथ हासिल करनी चाही। वेस्टर्न म्यूजिक के साथ देश के क्लासिकल म्यूजिक ने मुझे कई सुरों के साथ बांध लिया और आज मैं वेस्टर्न और भारतीय क्लासिक दोनों को अपने दोनों हाथ मानती हूं। लेकिन भारतीय होने के कारण मेरे दिल के तार क्लासिकल म्यूजिक के सरोवर में उतर जाते हैं। इसलिए मेरी इच्छा है कि दूसरे देशों से कोई भी म्यूजिशन वादक जब हमारे देश आये तो क्लासिक म्यूजिक से दर्शकों को अपनी और आकर्षित करें।

म्यूजिक के सागर में रहकर देश के राष्ट्रपति जी की ओर से जो मुझे सम्मान स्वरूप पुरस्कार प्राप्त हुआ इसके लिए मैं अपने माता-पिता और गुरुजनों को प्रणाम करती हूं। जिनकी बदौलत मैं इस मुकाम तक पहुंच सकी। पुरस्कार प्राप्त करने के दौरान मेरे दादा और मम्मी मेरे साथ थे लेकिन पापा किसी कारण से वहां नहीं थे। लेकिन उनकी तस्वीर मेरी आंखों के सामने हमेशा रही। पुरस्कार प्राप्त करने के पश्चात जब मैं अपने पापा से मिली तो उन प्यार के लम्हों को मैं कभी भुला नहीं पाउंगी जिनकी वजह से मुझे यह सम्मान प्राप्त हुआ।

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