एएन-32 के पायलट आशीष की मौत से गांव में शौक की लहर

व्यूज़ 24 (भगत तेवतिया - पलवल, हरियाणा) :: 3 जुलाई को असम के जोरहाट से 12 बजकर 25 मिनट पर अरूणाचल के मेनचुका के लिए उड़ान भरने वाले इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) का एएन-32 विमान लापता हो गया था। विमान में पलवल निवासी 29 वर्षीय पायलट आशीष तंवर सहित 13 लोग शहीद हो गये। यह जानकारी शहीद पायलट के परिजनों को एयरफोर्स द्वारा आज दी गई।

आपकों बता दें कि बीती ‍8 मई को पायलट आशीष छुट्टी बिताकर पलवल से अपनी डयूटी पर जोरहाट गया था। पायलट आशीष तंवर के शहीद होने की सूचना से उनके पैतृक गांव दीघौट और पलवल जिले में शोक की लहर दौड़ गई। बीती 3 जुलाई से ही आशीष का परिवार शोक में डूबा हुआ था।

तीन जुलाई से असम के जोरहाट से अरूणाचल के मेनचुका के लिए उडान भरने वाले इंडियन एयरफोर्स के एएन-32 विमान लापता हो जाने के बाद से ही पलवल निवासी पायलट आशीष तंवर के परिवार वाले शोक में डूबे हुए थे। उसी दिन से एयरफोर्स सर्चिंग अभियान में जुटी हुई थी। लेकिन कई दिन बीत जाने के बावजूद भी एयरफोर्स के हाथ खाली के खाली ही रहे। जिसके बाद आशीष के परिजनों ने 5 जुलाई को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के निवास पर उनसे मुलाकात की और सर्चिंग अभियान में तेजी लाने की मांग की। बाद में एयरफोर्स की सर्चिंग टीम को आर्मी की मदद भी मिली लेकिन फिर भी रैस्क्यू आप्रेशन जस का तस रहा। दिनांक 11 जुलाई को शाम चार बजे के करीब रैस्क्यू टीम को विमान का मलबा हाथ लगा। ‌जिसके बाद रैस्क्यू टीम ने अपनी कार्रवाई में और तेजी की तो 13 जुलाई को सियांग में 13 जवानों के मलबा मिलने की सूचना एयरफोर्स द्वारा शहीदों के परिजनों को दी गई। सूचना में बताया गया कि 13 के 13 जवानों की मौत हो चुकी है। यह खबर सुनते ही पायलट आशीष के घर मातम छा गया। सांतवना देने के लिये लोग उनके घर आने शुरू हो गये। शहीद पायलट आशीष के मामा नरेंद्र सिंह ने बताया कि एयरफोर्स द्वारा सूचना दी गई कि विमान पहाड़ियों में क्रैश हो गया था जिसमें कुछ नहीं बचा, सभी की मौत हो चुकी है। तीन तारीख को विमान के लापता होने की सूचना एयरफोर्स द्वारा दी गई थी तभी से सर्चिंग अभियान जारी था। जिसके बाद विमान का कुछ मलवा मिला और आज सभी के मरने की सूचना दे दी गई। उन्होंने बताया कि आशीष के पिता वहीं है और उनकी पत्नी संध्या भी ड्यूटी पर ही है। लगभग 12:30 बजे उन्हें भी सूचना दे दी गई थी।

बताते चलें कि लापता हुए विमान एएन 32 में 8 क्रू मेंबर्स और 5 यात्री सवार थे। उड़ान भरने के करीब 35 मिनट बाद विमान का रेडार से संपर्क टूट गया और बाद में क्रेश होने की सूचना मिली। पायलट आशीष की पत्नी संध्या वायु सेना में रडार आप्रेटर के पद पर कार्यरत है और जब विमान ने उड़ान भरी थी तो संध्या उसी विमान की रडार ऑपरेट का काम कर रही थी और सबसे पहले रडार से विमान का सम्पर्क टूटने की सूचना उनकी पत्नी को लगी। उन्होंने शाम पांच बजे अपने परिवार वालों को फोन कर विमान गायब होने की खबर दी। पलवल के गांव दीघोट निवासी आशीष तंवर ने कप्यूटर साईंस से बीटेक करने के बाद दिसंबर 2013 में वायु सेना ज्वाईन की। साल 2015 के मई माह में कमिश्न मिलने के बाद आशीष पायलट तैनात हुए। आशीष तंवर अपने माता-पिता का अकेला बेटा था और शुरू से ही मेधावी और होनहार था। सेंट्रल स्कूल मेरठ से 12वीं पास करने के बाद कानपुर से कंप्यूटर साईंस में बीटेक की डिग्री लेने के बाद वायु सेना ज्वाईन की। आशीष को अपनी 6 महीने की जूनियर संध्या से हैदराबाद में ट्रेनिंग के दौरान सं 2013 में प्यार हुआ और बाद में घर वालों की सहमति से दोनों की शादी 8 फरवरी 2018 को कर दी गई। संध्या मथुरा की रहने वाली है। आशीष तंवर के शहीद होने की सूचना मिलने पर उनके घर पर जहां रिश्तेदारों का तांता लगा है वहीं गांव में कोहराम मचा है। गांव वालों को अपने लाडले की कामयाबी और शहादत पर गर्व है। लेकिन एक होनहार नौजवान के चले जाने का गम भी है, जिसे पूरा नहीं किया जा सकता।

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