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वैन (भिवानी - हरियाणा ब्यूरो) :: हवन एक तरह से वैज्ञानिक पद्धति है जो विषाणुओं को समाप्त करने की क्षमता रखता है और समस्त विश्व से कोरोना जैसी महामारी के विनाश में अपनी अहम भूमिका निभा सकता है । यह विचार श्री सनातन धर्म संस्कृत महाविद्यालय के प्रधान एवं पूर्व न्यायधीश प्रहलाद सिंह ने संस्था में आयोजित कृमि नाशक महायज्ञ का शुभारंभ करते हुए रहे। उन्होंने कहा कि आर्युवेद योग का ज्ञान संपूर्ण विश्व के लिए सहायक सिद्ध हुआ है।संस्कृत ने भारत के साथ-साथ विश्व का मार्ग प्रशस्त किया है। सभी भाषाओं में संस्कृत ही सबसे स्पष्ट भाषा है। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य विनय मिश्र ने कहा कि आज का यज्ञ गुप्त नवरात्रों के पावन अवसर पर कोरोना जैसी महामारी की विनाश के लिए एवं जनकल्याण के लिए आयोजित किया गया है। आज के यज्ञ में दुर्गा के गोपनीय बीज मंत्रों की अवधि दी जा रही है। वेदों में मंत्रों को ही साक्षात देवता कहा गया है और मंत्र ही सार्थक होते हैं। मंत्रों की शक्ति से किसी भी प्रकार के दोषों को दूर किया जा सकता है। यह हवन यज्ञ सात दिवस तक चलेगा। प्रतिदिन विभिन्न गणमान्य व्यक्ति आ करके इस यज्ञ में आहुति देंगे। दुर्गा सप्तशती सभी प्रकार की महा मारियो के विनाश के मंत्र उपलब्ध है। देवी कवच, अर्गला व कीलक मंत्रों से शुरुआत की गई। उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्रों में कोरोना जैसी महामारी के विनाश के लिए अनेक उपाय मिलते हैं। कोरोना भी एक कृमि ही है। इसका विनाश भी मंत्रों से संभव है। इस अवसर पर सुशील शास्त्री, जगदीप शास्त्री, सुरेंद्र शास्त्री आदि उपस्थित थे।
On Thu, Apr 25, 2024
On Wed, Apr 24, 2024