मनरेगा योजना के अंतर्गत मिला अकुशल मजदूरों को काम

बिहार ब्यूरो (आरा) :: देशव्यापी लॉकडाउन का सबसे ज्यादा नकारात्मक प्रभाव समाज के हाशिये पर रहने वाले मजदूर वर्ग पर पड़ा है। बड़े शहरों मे रहने वाले हजारों की संख्या मे मजदूर कल-कारखानो के बदं होने के कारण बेरोजगार हो गए और अपने गाँव घर की ओर पनुः पलायित हो गए। परंतु पलायन के उपरांत उनके सामने सबसे बड़ी समस्या उनके अपने परिवार की जीविका चलाने की हो गयी। ऐसे मे मनरेगा योजना अकुशल मजदूरों की जीविकोपार्जन हेतु वरदान साबित हो रही है। भोजपुर जिला अतंर्गत कोविड 19 के कारण हुये तालाबदीं अवधि मे वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-2021 मे 400076 मानव दिवस सृजित कर अकुशल मजदूरों को वित्तीय राहत दी जा रही है । अब तक 20772 परिवारों के 23755 मजदूरों को अकुशल रोजगार प्रदान किया गया है, जिसमे की 57613 अनसुचित जाति / जनजाति के तथा 338778 सामान्य श्रेणी समदुाय के मजदूर शामिल है। मनरेगा का दायरा नए प्रवासी मजदूरों तक बढ़ाने के लिए 11401 नए जॉब कार्ड बना कर अकुशल श्रमिकों को जिले के 228 ग्राम पंचायतों मे 7209 योजनाओं पर रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। आज की तिथि से जिले मे अवस्थित क्वारंटाईन केंद्रो पर शिविर लगाकर प्रवासी मजदूरों का नया जॉब कार्ड बनाने का निदेश दिया गया है। इस क्रम मे कुल 454 नये जॉब कार्ड प्रवासी मजदूरों को निर्गत किया गया है। इस क्रम मे जिले मे लक्षित 84 आंगनवाड़ी बनाए जाने की कवायद तजे कर दी गयी है । जिन पंचायतों मे जमीन की उपलब्धता है वहाँ सभी आंगनवाड़ी की योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गयी है जो कुल 38 है। कुल 38 के अलावे दो अन्य योजनाये लगभग पूर्ण हो चुकी है। शेष 44 आंगनवाड़ी की योजनाओं की भी प्रशासनिक स्वीकृति की प्रक्रिया को पूर्ण कर निर्माण कार्य शुरू करने की योजना है। भू - जल स्तर बढ़ाने तथा खेती के लिए वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की महत्वकांक्षी योजना जल-जीवन-हरियाली को भी मनरेगा के सतत प्रयास से बल मिला है। जिले मे कुल 224 जल संचयन सबंधी संरचनाओं के जीर्णोद्धार की योजनाएँ शुरू की गयी है जिनमे सार्वजनिक आहर, पईन तथा खेत के करहो की उडाही पर ज़ोर दिया जा रहा है। जल-जीवन-हरियाली अतंर्गत भ-ूजल स्तर को बनाए रखने के लिए तथा खेती के लिए वर्षा जल संचयन हेतु 12 चेक डैम बनाने का कार्य भी किया गया है। जिले के कुल 12 प्रखडों यथा कोइलवर, संदेश,अगियाव, सहार, तरारी, पीरो, चरपोखरी, उदवंतनगर, बिहियाँ, शाहपुर, जगदीशपुर और आरा सदर मे कुल 12 चेक डैम का प्राक्कलन तैयार कर तकनीकी तथा प्रशासनिक स्वीकृति के उपरांत कार्य शुरू करा दिया गया है।

साथ ही साथ 1 एकड़ से कम के सार्वजनिक जलाशयों तथा पोखर / तालाब इत्यादि के जीर्णोद्धार की कुल 47 योजनाएँ शुरू की गयी है । लक्षित, प्रति ग्राम पंचायत 5 जल संचयन संबंधी कार्य के विरुद्ध 2.50 कार्य प्रति पंचायत शुरू किये जा चुके है। इन योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूर्ण करने की योजना बना ली गयी है तथा सभी जल संचयन संबंधी कार्य को 15 जून 2020 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। निजी क्षेत्र की योजनाओं मे प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत प्रति स्वीकृत आवास योजना पर 90 दिन का मजदूरी का भगुतान किया जा रहा है। ऐसी लगभग 6000 योजनाओं पर मस्टर रोल प्रतिदिन जारी किया जा रहा है। इसके लिए साप्ताहिक लक्ष्य निर्धारित कर सतत अनुश्रवण किया जा रहा है। माह जून के अंत तक 21000 योजनाओं पर मस्टर रोल जारी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पिछले वित्तीय वर्षो मे मनरेगा अंतर्गत किए गए वृक्षारोपण के कार्यो पर भी विशषे ध्यान दिया गया है, ऐसी योजनाओं पर लगातार मस्टर रोल जारी कर वन-पोषको को भी प्रति माह 8 मानव दिवस के बराबर का मजदूरी भगुतान किया जा रहा है । जिले मे कुल 580 वृक्षारोपण के कार्यो पर नियमित रूप से मजदूरी उपलब्ध कराई जा रही है । प्रखंड के कार्यक्रम पदाधिकारी तथा पंचायत रोजगार सेवकों द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि पूर्व के वर्षो मे लगाए गए पौधों की उतरजीविता बनी रहे।

छोटे तथा सीमांत किसानों को कृषि हेतु खेतो मे जल उपलब्ध हो इसके लिए निजी खेत पोखर भी खुदवाए जा रहे है। कुल 22 निजी खेत पोखरों पर कार्य प्रगति पर है।

उप- विकास आयुक्त हरीनारायण पासवान ने मनरेगा कार्यो के सतत अनुश्रवण हेतु सहरहनीय कदम उठाए है। प्रत्येक सप्ताह कार्यक्रम पदाधिकारियों तथा प्रखण्ड स्तर के मनरेगा कर्मियो के साथ ͪवीडियो काँन्फ्रेसिंग कर योजनाओं का अनुश्रवण कर रहे है तथा जरूरी दिशा निर्देश देते है। उप- विकास आयुक्त के द्वारा प्रखंड मे नियमित रूप से क्षेत्र भ्रमण भी किया जा रहा है ताकि लक्ष्य को ससमय प्राप्त कियाl

जा सके तथा मनरेगा अंतर्गत करवाए जा रहे कार्यों की सही गुणवत्ता भी सुनिश्चित की जा सके। उप विकास आयुक्त ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को निदेशित किया है कि लक्ष्यो को सप्ताहवार बांटकर प्रखंडों को विभिन्न कार्यों को facilitate करें तथा मनरेगा कर्मियों को जिला स्तर पर बठैक बुला कर उनके कार्यो का सघनता से समीक्षा करे। औसत से कम प्रदर्शन करने वाले प्रखंड तथा उनके कर्मियों पर विशेष ध्यान देते हुये उन्हे बेहतर प्रदर्शन हेतु उतप्रेरित भी किया जा रहा।

उप- विकास आयुक्त ने बताया कि कोविड़-19 के संक्रमण के बचाव के लिए मनरेगा के सभी कार्यस्थलों पर जहां एक से ज्यादा मजदूर काम मे लगे हुये है वहाँ काय के दौरान समय-समय पर हाथ धोने के लिए साबनु तथा पानी की व्यवस्था कराई गयी है। अकुशल मजदूरी का काम करते हुये मजदूरों के बीच सामाजिक दूरी बनाये रखने के लिए प्रति 25 मजदूर पर एक जीविका दीदी का चयन कर मेट के रूप मे रखा गया है। काम के दौरान मजदूरों के द्वारा औजारों की अदला-बदली तथा तम्बाकू इत्यादि के सेवन को निषेध किया गया है। मजदूरों के द्वारा कार्यस्थल पर फ़ेस मास्क लगाना अनिवार्य है तथा यह भी निदेश दिया गया है ͩकी ज्यादा उम्र तथा बीमार मजदूरों को काम पर ना लगाया जाए ।

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