"दिल्ली बचाओ, भारत बचाओ अभियान" की साइकिल यात्रा पहुंचेगी इंडिया गेट

- देश के ज्वलंत मुद्दों पर ध्यान आकर्षण के लिए डॉ. अशोक तंवर दिल्ली में करेंगे साइकिल यात्रा

- कोंडली से शुरू होकर एक सप्ताह में इण्डिया गेट पहुंचेगी यात्रा

- मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए बैठक का आयोजन

वैन (अजीत कुमार - दिल्ली) :: दिल्ली सहित देश के विभिन्न ज्वलंत मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए राष्ट्र निर्माण की राष्ट्रीय मुहीम "दिल्ली बचाओ, भारत बचाओ अभियान" के तहत पूर्व सांसद डॉ. अशोक तंवर के नेतृत्व में 30 नवंबर से सात दिवसीय साइकिल यात्रा का आयोजन किया जायेगा। यह यात्रा 30 नवम्बर को यमुना पार स्थित कोंडली विधानसभा क्षेत्र के अम्बेडकर पार्क से शुरू होगी जिसका समापन 6 दिसंबर को इंडिया गेट पर होगा। यात्रा की तैयारियों और आम जन को यात्रा से जोड़ने के लिए दिल्ली के सभी विधानसभा क्षेत्रों में दस दिन का जन जागृति अभियान चलाया जायेगा।

रफी मार्ग स्थित मावलंकर हॉल में तीन पूर्व सांसदों की मौज़ूदगी में राष्ट्र निर्माण की राष्ट्रीय मुहीम "दिल्ली बचाओ, भारत बचाओ अभियान" की रुपरेखा तैयार करने के लिए एक मीटिंग का आयोजन किया गया। मीटिंग में दिल्ली सहित देश के विभिन्न प्रदेशों से आये प्रतिनिधियों ने भाग लिया। मीटिंग में विभिन्न राजनितिक दलों के साथ सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।

मीटिंग में डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि देश आज अनेक समस्याओं से जूझ रहा है। इनमे प्रमुख मुद्दा स्वास्थ्य और शिक्षा का है। इसके अलावा गिरती हुई अर्थव्यवस्था, सफाई, लोकपाल, बेरोजगारी, प्रदूषण, भ्रष्टाचार, यातायात व्यवस्था, दिल्ली में मोहल्ला क्लिनिक सहित अनेक ऐसे मुद्दे हैं जिन्होंने देश को उद्वेलित किया हुआ है। हमारी आस्था के प्रतीक मंदिरों को तोडा जाना भी एक बड़ा मुद्दा है, जिसमें दिल्ली का रविदास मंदिर, लखनऊ का बाल्मीकि मंदिर और भोपाल का कबीर मंदिर को तोड़ा जाना समाज की भावना से साथ खिलवाड़ है। इन सभी मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए सड़क पर उतरकर आंदोलन करना आवश्यक हो गया है।

डॉ. तंवर ने कहा कि दिल्ली सहित देश भर में कर्मचारियों को कोई सुविधा नहीं है। सभी को कार्य करने की मूलभूत सुविधाएं दी जानी चाहिये। जितनी मजबूत ईंट होगी, उतनी बुलन्द इमारत बनेगी। डॉ. तंवर ने बताया की उन्होंने अनेक लोगों से विचार-विमर्श कर मुहिम की रूपरेखा तैयार की है। वे उपेक्षा के शिकार लोगों के लिए काम करेंगे। संगठन और मुद्दे के साथ विश्वसनीयता बड़ी आवश्यकता है। शोषण की व्यवस्था सभी पार्टियों में समान रूप से है। बड़े लक्ष्य के लिये मेहनत, संघर्ष और त्याग बड़ा करना होता है। शिक्षा और स्वास्थ्य सहित सभी मुद्दों पर राष्ट्रीय अभियान चलाएंगे। बड़े वायदे और जुमलों से कोई नेता नहीं बन जाता। लोकतंत्र में जनता सबसे ऊपर है। वे सदैव राजनीति में अच्छे लोगों का साथ देंगे। उन्होंने 30 नवंबर से शुरू होने वाली उनकी सात दिन की साइकिल यात्रा में आम जनता से सहयोग का आह्वान किया।

पूर्व सांसद साधू यादव ने कहा कि आज के सत्ताधीशों के रवैये से देश में लोगों के बीच नफरत फैल रही है। वर्तमान सरकार की जो विचारधारा है, उसे लेकर लोकतंत्र को खतरा है। धर्म और जाति को लेकर दंगे हो रहे हैं और माहौल खराब किया जा रहा है। संविधान और संवैधानिक संस्थाओं को खतरा है क्योंकि सरकार सीधा दखल दे रही है। देश की आर्थिक सेहत ठीक नही है। अर्थव्यवस्था के खस्ताहाल होने के कारण देश आर्थिक मंदी की गर्त में डूब रहा है। सरकार इस दिशा में कुछ नहीं कर रही है। युवाओं से सरकार ने जो वादा किया था, उस पर अब चुप्पी साध रखी है।

पूर्व राज्यसभा सांसद प्रमोद कुरील ने कहा कि एक चिंतनशील व्यक्ति ही देश निर्माण की मुहिम का आगाज कर सकता है। डॉ. अशोक तंवर जी शिक्षा और समाज के लिये अपना एक विजन रखते हैं। इनके व्यक्तित्व ने समाज के हर तबके को प्रभावित किया है। इन्होंने अपने सिध्दांत के लिये एक बड़ा पद छोड़ दिया। इन्हें समर्थन देना, मेरी नैतिक जिम्मेदारी है। कुरील ने कहा कि देश की सब समस्याओं की जड़ हमारे धोखेबाज हुक्मरान हैं। ये चुनाव से पहले अपने वादे भूल गए। देश का हुक्मरान वादाखिलाफी करे तो यह देश के लिए घातक होता है। कुर्सी से चिपके चंद लोग अपनी उंगली पर देश को नचा रहे हैं। उस पर तुर्रा इस कि हुक्मरान तानाशाह हो गए और विरोधी दल खामोश हैं। सत्ताधीश ही देश को बेच रहे हैं और इन्होने देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है।

मीटिंग में आधार कार्ड को लेकर भी एक प्रतिनिधि ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार इसे टूल की तरह इस्तेमाल कर रही है। आधार के नाम पर लोगों की निजता के खिलाफ इसके इस्तेमाल का काम शुरू किया गया है। उन्होंने वोटर आईडी को आधार से जोड़ने की मांग की।

मंच से वक्ताओं ने कहा कि इस देशव्यापी मुहीम में सब मिलकर सर्वसमाज विशेषकर शोषित समाज के लिए लड़ेंगे। दिल्ली की सड़कों पर उतरकर यह अभियान चलाएंगे। आल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन अध्यक्ष मनीष गौर ने कहा कि शिक्षक को दिहाड़ी पर रखा जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। दिल्ली में डेढ़ लाख कर्मचारियों को संविदा पर रखा गया है। देश भर में करीब साठ लाख गेस्ट टीचर्स हैं। गेस्ट टीचर्स को स्थायी करने का वादा करके सत्ता में आये मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने अब तक कुछ नहीं किया। जबकि शिक्षा की प्रगति में गेस्ट टीचर्स का अहम रोल होता है। डीटीसी कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के प्रतिनिधि ने मांग की कि उन्हें नियमित किया जाए। केजरीवाल ने सत्ता में आने पूर्व स्थाई करने का आश्वासन दिया था, पर वह अब तक पूरा नहीं हुआ। इसकी बजाय हज़ारों संविदाकर्मियों को निकाल दिया गया।एक प्रतिनिधि ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गांधी ने 1970-80 के दशक में बीस सूत्री कार्यक्रम में जो जमीन देने का वादा किया था उसमें से 70% को अब तक जमीन नहीं मिली। जिन्हें मिली उन पर भी दिल्ली सरकार ने नाजायज कब्जे के मुकदमे दर्ज करा दिए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि 95 गांवों की जमीन केजरीवाल ने अलग-अलग बहाने बनाकर ले ली। आल इंडिया यूथ फेडरेशन के अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने नारा दिया, डॉ तंवर की यही आवाज़, सही व्यवस्था, सही समाज। सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मुकेश बारी ने कहा कि सफाई कर्मचारी एक सैनिक की तरह काम करते हैं। वे देशवासियों को बीमारियों से सुरक्षित रखने का कार्य करते हैं। दुःख है कि सफाई कर्मचारी 20-25 साल से दिहाड़ी मजदूर के रूप में कार्य कर रहे हैं। लोक चेतना मंच राष्ट्रीय अध्यक्ष सलिल नन्दा और आज़ाद पार्टी अध्यक्ष सरजीत सिंहने संघे शक्ति कलयुगे के सद्वाक्य को याद कृते हुए कहा कि हम सब मिलकर मिशन को पूरा करें। बौद्ध समाज के प्रतिनिधि आर के बुद्ध ने कहा कि वंचित वर्ग को राजनीति में हिस्सेदारी मिले। उन्होंने मांग की कि आधार कार्ड को वोट से जोड़ा जाए और बैलेट पेपर से चुनाव हो। साथ ही परिसीमन आयोग का गठन हो, जो विधायक और सांसद की संख्या बढ़ाये क्योंकि अभी 1971 की जनगणना के आधार पर ही चुनाव हो रहे हैं। वन्देमातरम पीठ के महामंडलेश्वर स्वामी नवीन गोपाल जी ने कहा कि समय और अन्न बर्बाद नहीं करना चाहिये। आज समय की आवश्यकता है कि सभी समाज जननी और जन्मभूमि के लिए एक हों। उन्होंने विश्वास दिलाया कि सन्त समाज व्यक्ति नहीं बल्कि व्यक्तित्व के साथ है। भारतीय विदेश सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी आजाद सिंह तूर ने कहा कि अम्बेडकर का संघर्ष समाज के स्वाभिमान के लिए था। मस्तिष्क रोग विशेषज्ञ डॉ. नीलेश तिवारी ने कहा कि समय समय की बात है, आज आपका समय है तो उड़ लो। हमारा समय आएगा तो उड़ा देंगे। उन्होंने कहा कि डॉ. अशोक तंवर जन सेवा को समर्पित हैं। अपने मित्रों और वादे के प्रति डॉ. तंवर की वफादारी की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि अपने दोस्तों को बोला हुआ पूरा नहीं होने पर अपने राजनीतिक भविष्य को दांव पर लगाते हुए उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी। उन्होंने याद दिलाया कि 35 लोगों के साथ बॉस ने आज़ाद हिंद फौज बना ली थी। अशोक जी काफी आगे जाएंगे। जो खुद के दम पर आगे बढ़ता है वही सूर्य की तरह चमकता है। उप्र आईपीएस एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ओ पी सागर ने कहा कि हमारे समाज को अपने हित के लिए संघर्ष करना पड़ा। प्रयासशील लोगों के साथ आने से खुशी मिलती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा में अच्छे नागरिक बनाने पर जोर नहीं। युवा नेता पप्पू यादव ने अपने उद्बोधन में अपने वचन के लिये कांग्रेस का त्याग करने के लिए अशोक तंवर जी का अभिनन्दन करते हुए कहा कि कुछ नेताओं ने राजनीति की दुर्दशा कर दी है। उन्होंने मांग की कि शिक्षा और स्वास्थ्य सबके लिये मुफ्त हो,सबके लिये समान शिक्षा हो। सबके साथ समान भाव से व्यवहार हो। दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव डॉ. प्रेम चंद ने कहा कि डॉ. अशोक तंवर व्यक्ति नहीं, संस्था हैं। जिनके ऊर्जावान नेतृत्व में देश के सपने पूरे हो सकते हैं। देश और दिल्ली सरकार देश की समस्याओं के प्रति उदासीन है और सरकार का कोई विजन नहीं है। अर्थव्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट आई. आर. सिंह ने कहा कि जब भी देश के गरीब, शोषित, दलित का कोई भी मुद्दा उठेगा तो सब साथ हैं। देश की एकता, अखण्डता के लिये ऊर्जावान व्यक्तित्व की आवश्यकता होती है। चंडीगढ़ के डॉ श्यामलाल ने कहा कि पिछले माह हुए विधानसभा चुनाव में जनशक्ति ने हरियाणा में प्रमुख राजनीतिक दलों को आइना दिखा दिया। तंवर के सहयोग से दुष्यंत चौटाला सरकार में शामिल हो गए। डॉ. अशोक तंवर राजनीतिज्ञों में सबसे समझदार और सबको साथ लेकर चलते हैं उन्होंने आह्वान किया कि हम सब अत्याचार के खिलाफ एकजुट हो कर खड़े हों, न्याय अवश्य मिलेगा। पोरबंदर से दिल्ली की यात्रा कर रहे यूएनओ से सम्मानित हरित ऋषि विजयपाल बघेल ने कहा कि डॉ. अशोक तंवर नाम नहीं एक आंदोलन है, जिसकी गूंज पूरे देश में है। दिल्ली के सामने सबसे बड़ी समस्या प्रदूषण की है। इस प्रदूषण का जिम्मेदार अरावली का दोहन है। भारत मे ग्रीन वाल की जरूरत है। उन्होंने बताया कि 1600 किलोमीटर लंबी और 5 किमी चौड़ी पोरबंदर से पानीपत तक ग्रीन वाल की योजना बनाई है। उन्होंने डॉ. तंवर और अन्य मंचासीन अतिथियों को तुलसी का पौधा भेंट किया। आल इंडिया पेरेंट एसोसिएशन अध्यक्ष शिवानी जैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के अनुसार स्कूल की बिल्डिंग 2 मंजिल से ऊंची नहीं होनी चाहिए। दिल्ली शिक्षा मंत्री इसे 4 मंजिल बनाने को कहते हैं, जो कोर्ट की अवमानना है। सीबीएसई की फीस 100 प्रतिशत तक बढ़ी है। उन्होंने मांग की कि सरकारी स्कूल ही नहीं बल्कि सभी स्कूलों में शिक्षा फ्री हो। सरकार वन नेशन, वन एजुकेशन के लिए कार्य करें। शिक्षक को सिर्फ शिक्षा के लिए रखें, उन्हें अन्य कार्यों में न लगाया जाए। सरदार जयपाल सिंह लाली ने कहा कि दिल्ली में देश के हर हिस्से से आए लोग रहते हैं। एक अच्छी मुहिम की शुरूआत हो रही है। इसकी सफलता के लिए सबको साथ आना जरूरी है। चंदन मिश्रा ने कहा कि सभी आंदोलन का सबसे बड़ा मुद्दा कंटेंट होता है जिसे लोग सुनते, समझते और कंट्रीब्यूट करते हैं। दूसरा मुद्दा कैडर होता है। तीसरा मुद्दा क्रेडिटिबिलिटी होता है। इसके साथ क्राउड आता है, जो चौथा मुद्दा है। ये सब मिलकर आंदोलन का आधार बनता है। कशू कुटेल ने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। आज पुनः उसी ऊर्जा की समाज को आवश्यकता है। हम सबको मिलकर ऊर्जावान साथी अशोक तंवर का साथ देना है।

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