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वैन (पंकज - कानपुर, उत्तर प्रदेश) :: दो दिन आसामान में छाई बदरा ने भले ही शहरवासियों को राहत दी हो लेकिन शुक्रवार को सुबह आसमान साफ था और सूरज ने फिर अपने तेवर दिखाये। दोपहर होते-होते गर्म हवाओं के थपेड़ों तथा बढ़ते तापमान ने लोगों को परेशान कर दिया। 14 डिग्री सेल्सियस से ऊपर के तापमान का पारा स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है। खास तौर पर यह किडनी के लिए खतरा बन गया है। जरा सी लापरवाही जिंदगी पर भारी पड़ सकती है। जिन मरीजों को किडनी में पहले से शिकायत है उनके लिए ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है। यदि इन मरीजों को समय से अस्पताल लाया जाए तो किडनी को दोबारा काम करने की स्थिति में लाया जा सकता है। हैलट की मेडिसिन विभागाध्ध्यक्ष प्रो। रिचा गिरी का कहना है कि जिस मरीज को गुर्दे में स्टोन की शिकायत हो, संक्रमण हो या नेफाटिस सिंड्रोम हो तो ऐसे लोग बेहद सावधानी बरतें और शरीर में पानी की कमी ना होने दें। धूप में निकलने से बचें और संतुलित खानपान लें। क्योंकि ऐसे मरीजों की किडनी फेल होने की ज्यादा संभावना रहती है। हैलट में एक्युट किडनी फेल्योर के तीन रोगी भर्ती कराये गये हैं। एक्यूट किडनी फैल्योर वह स्थिति है जिसमें गुर्दे अचानक रक्त से नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थ छानना बंद कर देते हैं। यह स्थिति बेहद घातक है। इससे पेशाब में अचानक कमी आ जाती है और सूजन, मतली तथा थकान का एहसास होने लगता है। समय पर इलाज मिलने से ऐसे रेागियों का गुर्दा पुनः काम करने की हालत में लाया जा सकता है।
On Thu, Mar 28, 2024