गुणवत्तायुक्त शिक्षा बाधाओं को दूर करने के लिए आईआईटी द्वारा पहली बार ऑनलाइन डिग्री कार्यक्रम

- अभ्यर्थी किसी भी संकाय का हो सकता है एवं किसी भी स्थान से कर सकता है आवेदन

- शिक्षार्थी सर्टिफिकेट, डिप्लोमा एंव डिग्री कार्यक्रम चुन सकेगे

उत्तर प्रदेश (पंकज यादव) कानपुर :: गुण्वत्तायुक्त शिखा की बाधाओं को दूर करने के लिए आईआईटी द्वारा पहली बार ऑनलाइन डिग्री प्रारंभ की गयी है जो प्रोग्रामिंग एवं डेटा साइंस में दुनिया की पहली ऑनलाइन बीएससी डिग्री होगी और अभ्यर्थी किसी भी संकाय का हो सकता है एवं किसी भी स्थान से आवेदन कर सकता है। शिक्षार्थी सर्टिफिकेट, डिप्लोमा एवं डिग्री कार्यक्रम भी चुन सकते है। इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नाॅलाजी मद्रोस आईआईटी द्वारा इस आॅनलाइन बीएससी डिग्री कार्यक्रम की शुयआत की गयी है। एक कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि 12वी उत्तीर्ण कर चुके हर विधार्थी के लिए यह प्रोग्राम खुला है और जिसने कक्षा 10 तक इंग्लिश व मैथ्स का अध्ययन किया हो और किसी ऑन कैंपस यूजी कोर्स में नामांकन लिया हो। बताया गया कि यह अद्धितीय कार्यक्रम उम्र, विषय या भौगोलिक संस्थान की सभी बाधाओं को दूर करेगा तथा उेटा साइ्रस में विश्वस्तरीय पाइ्यक्रम उपलब्ध करायेगा। बताया गया कि आईआईटी मद्रास द्वारा इस पहले आॅनलाइन बीएससी डिग्री कार्यक्रम की लांचिग की गयी और उस काय्रक्रम में केंद्रीय एचआरडी मंत्री भारतसरकार रमेश पोखरियाल, संजय धोत्रे एचआरडी राज्यमंत्री, संचार व इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी तथा डाक्टर पवन कुमार गोयनका चेयरमैन, संस्थान के डायरेक्टर एवं फैकल्टी की गणमानय उपस्थित रही साथ ही प्रो0 अनिल सहस्रबुद्धे, चेयरमैन एआईसीटीई भी मौजूद रहे। बताया गया कि डेटा साइंस सबसे तेजी से विकसित होते हुए सेक्टर्स में से एक है जो 2026 तक 11.5 मिलियन नौकरियों का निर्माण करेगा और यह ऑनलाइन शिखा का ट्रेंड व्यापक स्तर पर गुणवत्तायुक्त शिखा के लिए लोकप्रिय हो रहा है। आईआईटी मद्रास की फैकल्टी शिक्षा प्रक्रियाओं का उपयोग कर इस सेक्टर की जरूरत को पूरा कर रही है जो एक समावेशी एवं किफायती शिक्षा माॅउल प्रस्तुत करते हुए आईआईटी की पहुंच का कई गुना विस्तार करेगी। अभ्यर्थी किसी भी संकाय का हो, किसी भी स्थान को हो वह कहीं से भी आवेदन कर सकता है।

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