शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा और माता लक्ष्मी के पूजन का विधान - कृष्णानंद सरस्वती

- परमहंस तपोभूमि योग आश्रम धाम में शरद पूर्णिमा के अवसर पर पाठ का आयोजन

वैन (भिवानी - हरियाणा ब्यूरो - 20.10.2021) :: भिवानी के कृष्णा कॉलोनी स्थित परमहंस तपोभूमि योग आश्रम धाम में शरद पूर्णिमा के अवसर पर पाठ का आयोजन किया गया । भक्तों ने पाठ में भाग लेकर प्रभु का गुणगान किया । इस अवसर पर कार्यक्रम में सानिध्य महाराज कृष्णा नंद सरस्वती जी का रहा । श्री महाराज ने शरद पूर्णिमा का महत्व बताते हुए कहा कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा और माता लक्ष्मी के पूजन का विधान है। इस दिन माता लक्ष्मी का पूजन मुख्य रूप से फलदायी होता है। यह समस्त पापों से मुक्ति दिलाता है। इस दिन चंद्रमा की किरणों से निकलने वाले अमृत से मिलकर बनी खीर का भोग व्यक्ति को निरोगी करने के साथ कई कष्टों से मुक्ति दिलाता है। इसके अलावा शरद पूर्णिमा का महत्व और ज्यादा इसलिए भी है क्योंकि इस दिन मां लक्ष्मी रात्रि भर भ्रमण करती हैं और इनके पूजन से घर में धन-संपदा का आगमन होता है। चंद्रमा की रोशनी में रखी हुई खीर खाने से मन और तन को शीतलता मिलती है। ऐसा माना जाता है कि यह खीर अमृत से युक्त होती है। इसलिए इसे घर के सभी लोगों को खाना चाहिए और प्रसाद के रूप में सभी को वितरित करना चाहिए।श्री महाराज ने इसका वैज्ञानिक पक्ष भी सामने रखते हुए कहा कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी इस दिन खीर चंद्रमा की रोशनी में रखने से उसमें खास तरह के विटामिन आ जाते हैं। इसलिए यह खीर बहुत स्वास्थ्यवर्धक होती है। दूध में लैक्टिक नामक ऐसिड पाया जाता है। इसके साथ ही चावल में स्टार्च पाया जाता है हैं। जिस वजह से खीर में कई तत्व मिल जाते हैं और इसे स्वास्थवर्धक बना देते हैं।

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