वैन (पटना - बिहार ब्यूरो) :: देश में इन दिनों मौसम सर्द होने लगा है। ऐसे में सर्दी, बुखार आदि के साथ एलर्जी के बढ़ने की संभावना प्रबल हो जाती है। गांव में रहने वालों के मुकाबले शहरों में रहने वालों में एलर्जी की समस्या ज्यादा पाई जाती है। जिन बच्चों को ज्यादा साफ-सफाई के साथ पाला जाता है, उनमें भी यह समस्या ज्यादा पाई जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनके शरीर का रोग-प्रतिरोधक क्षमता विकसित नहीं हो पाती। बच्चों में एलर्जी होने की आशंका बड़ों से कहीं ज्यादा होती है। बच्चा अगर बहुत ज्यादा थकान का शिकार होता हो, उसे सर्दी-जुकाम बना रहता हो, नाक व त्वचा में खुजली होती हो तो एलर्जी के खतरों को नकारा नहीं जा सकता। कई बार एलर्जी खानदानी भी होती है। अभिभावकों को अगर धूल या किसी और चीज से एलर्जी हो तो बच्चों को एलर्जी होने की संभावना बढ़ जाती हैं। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि दोनों की एलर्जी का स्वरूप एक जैसा ही हो। ऐसे में शिशुओं व बच्चों को एलर्जी के खतरे से बचाने के लिए मां और बच्चे दोनों की विशेष देखभाल की जरूरत होती है।
संपूर्ण टीकाकरण से बच्चों का बैक्टीरिया से होता है बचाव:-
अपर मुख्य चिकित्सक डॉ. विनोद कुमार ने बताया जिन बच्चों का संपूर्ण टीकाकरण किया जाता है, उनमें भी एलर्जी की समस्या कम देखी जाती है। संपूर्ण टीकाकरण से बच्चों का शरीर बैक्टीरिया से बच जाता है। साथ ही, प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। उन्होंने बताया एलर्जी की समस्या के लक्षण छींक, चकत्ते, बुखार आदि हो सकते है। बच्चों में अगर यह अधिक देखने को मिले, तो अभिभावकों को सचेत हो जाना चाहिए। यह एलर्जी की समस्या के कारण हो सकता है। बच्चों के प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए उन्हें जरूरी पौष्टिक आहार भी दिया जाना चाहिए। साथ ही उनको चारदीवारी में बंद करके नहीं रखा जाना चाहिए। बच्चों को घर के आँगन या छत पर सुबह की धूप में खेलने दें। ये बच्चों को बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। लेकिन खेलने के बाद उनके हाथ-पैर अच्छे से धुलवाना अनिवार्य है।
बच्चों के कपड़ों के साथ उनके खिलौनों को करें डिसइंफेक्ट :
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया बच्चों को एलर्जी से बचाने के लिए घर के सभी सामान, कपड़े, बिस्तर और फर्श के साथ-साथ उनके खिलौनों को पूरी तरह डिसइंफेक्ट करना होगा। ऐसा इसलिए जरूरी है कि बच्चे खेल-खेल में, खिलौनों को मुंह से भी लगाते है। गंदे खिलौनों से उनपर पड़े किटाणु व बैक्टेरिया बच्चों के पेट में चले जाते हैं। कई बार माताएं घर के बाकी चीजों की सफाई तो अच्छे कर लेते हैं, लेकिन वह खिलौनों की सफाई करना भूल जाती है, जिससे बच्चों को एलर्जी होती है। एलर्जी की पहचान के लिए बच्चों की जांच कराना आवश्यक होता है। ताकि, रिपोर्ट के आधार पर उनका उचित इलाज किया जा सके।
कोरोनाकाल में इन बातों का भी रखे ख्याल:-
- बच्चों को गोद में लेने से पूर्व हाथों को अच्छे से साफ करें
- बिना मास्क के बच्चों के करीब ना जाएं
- बच्चों को खेलने के दौरान दूसरों से शारीरिक दूरी बनाने के लिए प्रेरित करें
- खेलने के बाद उनके हाथों को धुलवाएं
- घर के बाहर से आने वाले लोगों को बच्चों के सीधे संपर्क में ना आने दें
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