लॉकडाउन के चलते अधर में लटका स्कूली छात्रों का भविष्य

रांंची (रामा शंकर) - कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन के कारण पूरे देश को बहुत बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है। वहीं स्कूली बच्चों का भविष्य भी इस लॉकडाउन के चलते अधर में लटका नजर आता है। हालांकि इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने कई प्रयास किए हैं। बच्चों को शिक्षकों द्वारा घर से ही ऑनलाइन क्लासेज दिलवाई जा रही हैं। 08 वीं तक के बच्चों को अगली क्लास में प्रमोट कर दिया गया है। वहीं कई परीक्षाएं भी टाली गई हैं। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई का काफी नुकसान हुआ है। स्कूल खुलने के बाद बच्चों और शिक्षकों के जीवन में कई परिवर्तन आने वाले हैं। स्कूल खुलने के बाद शिक्षकों और बच्चों को कई प्रकार के बदलाव देखने को मिलेगें। किसी भी देश के विकास का पैरामीटर शिक्षा है।झारखण्ड राज्य महिला संघ की प्रदेश अध्यक्ष रेणुका सिंह ने कहा कि एक समय था जब भारत विश्वगुरु कहा जाता था। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब शिक्षा में गिरावट आई है। शिक्षा व्यवस्था में निरंतर परिवर्तनशीलता ही इसका कारण है। साथ में सिंह ने यह भी कहा कि बच्चों को अपने पंचायत क्षेत्र छोड़कर पढ़ाई के लिए कहीं अन्यत्र न जाना पड़े। इससे पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी।

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