गंगा दशहरा के पावन पर्व पर लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र नदियों में लगाई आस्था की डुबकी

वैन (रामा शंकर - आरा, बिहार) :: हिन्दू धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व होता है। इस दिन पूजा-पाठ और हवन जैसे शुभ काम किए जाते हैं। इस दिन लोग गंगा नदी के किनारे जाकर तप, हवन, दान और जप करते हैं। बुधवार को भोजपुर जिले में गंगा दशहरा पर श्रद्धालुओं ने महुली गंगा घाट पहुंचकर श्रद्धा की डुबकी लगाई। वहीं भोजपुर जिले के बड़हरा प्रखंड में जगह-जगह पर भंडारे लगाए गए। सुबह पांच बजे से ही श्रद्धालु महुली घाट, सिन्हा घाट, सलेमपुर घाट, कोईलवर सोन और सन्देश प्रखंड के कई घाटों पर स्नान को लेकर ट्रैक्टर ट्राॅली, टैंपो, मैजिक आदि वाहनों में दूर-दूर से पहुंचे। इस दौरान लोगों ने सुख-शांति की कामना की। गंगा घाटों पर लगे मेले के दौरान बच्चों ने भी खिलौनों की खरीदारी की। भोजपुर में जेठ दशहरे के पर्व पर गंगा घाटों पर लाखों श्रद्धालुओं ने स्नान किया। इस दौरान दिनभर मेला लगा रहा। वही गंगा दशहरा हिंदू कैलेंडर के मुताबिक हर साल ज्‍येष्‍ठ माह की शुक्‍ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। वहीं, अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक गंगा दशहरा मई या जून में आता है। इस बार यह 12 जून यानी आज बुधवार को मनाया जा रहा है। पंडितों के अनुसार इस शुभ मुहूर्त में पूजा, दान और स्नान करें: -

- 11 जून रात 8:19 से शुरू

- 12 जून शाम 6:27 तक

वहीं आमतौर पर गंगा दशहरा गंगा नदी में स्नान कर मनाया जाता है, लेकिन आप किसी भी कारण से गंगा में स्नान ना कर पाएं तो किसी भी नदी या आस-पास मौजूद जलाशय में स्नान करें।

- नहाने के दौरान ‘ऊँ नमः शिवाय नारायण्यै दशहरायै गंगायै नमः’ का जाप करें।

- इसके बाद ‘ऊँ नमः शिवाय नारायण्यै दशहरायै गंगायै स्वाहा’ करके हवन करे।

- तत्पश्चात ‘ऊँ नमो भगवति ऐं ह्रीं श्रीं (वाक्-काम-मायामयि) हिलि हिलि मिलि मिलि गंगे मां पावय पावय स्वाहा"। इस मंत्र से पांच पुष्पाञ्जलि अर्पण करके भगीरथ हिमालय के नाम- मंत्र से पूजन करें।

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