"बुढवा होलिया में डाल ता गुलाल" गीत के साथ संपन्न हुआ होली मिलन समारोह

वैन (रामा शंकर प्रसाद - पटना, बिहार) :: भोजपुरी लोकगीत गायिका कौशल्या द्वारा राजधानी पटना में होली मिलन समारोह मनाया गया। कौशल्या ने होली का आध्यात्मिक रुप बताते हुए कहा कि प्रकृति और भगवान शिव का आह्लाद है होली। आत्मा पर ज्ञान, गुण और शक्तियों का रंग डालना होली है। निरंतर अनह्द नाद सुनना, शील, संतोष के केसर घोल कर प्रेम की पिचकारी छोड़ना, लोक लाज छोड़कर आत्म दर्शन करना ही होली है। होलिका जलाने का भी आध्यात्मिक महत्व है। खेतों में उत्पन्न नये अनाज गेहूं, चना और जौ को अग्नि को समर्पित कर अपने अंदर की सारी बुराईयों का भी अग्नि को समर्पण करना होलिका दहन है। श्रीकृष्ण की तरह ज्ञान योग की अग्नि में तपकर सभी आत्माओं से प्रेम करना ही होली मिलन है। ऐसे में विभिन्न सामाजिक संगठन भी जगह-जगह होली के कार्यक्रम कर अलग अंदाज में मना रहें हैं। शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने होली मिलन समारोह मनाया। इस दौरान कहीं गुलाल लगाकर एक दूजे को बधाई दी तो कई संगठनों ने फूलों की होली खेली।

होली गीत के साथ उड़ाया गुलाल। इस दौरान बच्चों ने होली गीतों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की शुरूआत गणेश वंदना के साथ हुई। सिंगर कौशल्या का गीत "होलिया मे बुढवा डाल ता गुलाल" गीत काफी धुम मचाया।

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