रामलीला में कलाकारों ने किया भरत मिलाप का मंचन

- श्रीरामचंद्र जी के जीवन का गुणगान कर श्रोताओं को किया भाव विभोर

वैन (भिवानी - हरियाणा ब्यूरो - 14.10.2021) :: जिले के गांव उमरावत में नवरात्रों के अवसर पर चल रही रामलीला में कलाकारों ने नाच गाकर श्रीराम चंद्र जी का गुणगान कर श्रोताओं को भी भाव विभोर कर दिया। कलाकारों ने श्रीराम के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब भगवान श्रीरामचन्द्र जी का विवाह हो गया तो वो अपनी पत्नी माता सीता को लेकर अपने घर आ गए। कुछ दिनों के बाद जब राजा दशरथ को यह लगने लगा कि कि इस राज्य को उत्तराधिकारी की जरूरत है तो उसने श्रीराम चंद्र जी को अपना राजपाठ सौंपने का मन बना लिया। राजा ने अपने राजगुरू व अपने विश्वासपात्र मंत्रियों को अपने मन की बात बताई उन्होंने भी इस पर सहमति जताई। सभी ने मिलकर एक दिन निश्चित कर लिया। जैसे ही भगवान श्रीरामचन्द्र के राज्यभिषेक होना था तभी महाराजा दशरथ की रानी केकई ने महाराजा दरशथ को अपने वचन की याद दिलाई। जिस पर राजा दशरथ अत्यंत ही व्याकुल हो उठे और उन्होंने भगवान श्रीरामचन्द्र जी को 14 वर्षों के लिए वनवास भेज दिया। उनके साथ माता सीता, लक्ष्मण भी साथ गए। कलाकारों ने कहा कि जब भरत अपने नैनीहाल से लोटे और उन्हें इस बात का पता चला तो वो सीधे अपने मंत्रियों के साथ ही वनवास चले और श्रीरामचन्द्र जी खडाऊ लेकर लौटे। राजा दशरथ ने पुत्र वियोग में अपने प्राण त्याग दिये। मरने से पूर्व राजा दशरथ ने कहा था कि उसने पहले ब्राहमण पुत्र श्रवण के प्राण लिये थे जिसके चलते उसके माता पिता ने उन्हें श्राप दिया था जैसे आज हम अपने पुत्र के वियोग में अपने प्राण त्याग रहे हैं उसी प्रकार तुम भी अपने पुत्र के वियोग में प्राण त्यागोगे।

Responses

Leave your comment